मंडला. मप्र वन कर्मचारी संघ अपनी 19 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चतकालीन हड़ताल कर रहा है। हड़ताल के 1१वें दिन भी उनकी हड़ताल जारी रही। रविवार को हड़ताल में अपना विरोध दर्ज कराते हुए १० वन कर्मचारियों ने मुंडन कराया। वन कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष बाल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार वन कर्मचारियों की मांग नहीं मान रही है। इसलिए उनके द्वारा हड़ताल की जा रही है। सरकार को नींद से जगाना जरूरी है, जिससे वन कर्मचारियों की समस्याओं की ओर उनका
ध्यान जा सके। हड़ताल से वन क्षेत्र में वनप्राणियों की मौत हो रही है जिससे क्षुब्ध होकर १० कर्मचारियों ने स्वेच्छा से मुंडन कराया है। इसके साथ ही क्रमिक भूख हड़ताल के चौथे दिन ६ कर्मचारी हड़ताल पर रहे। जिसमें दिनेश तिवारी, हिदायत खान, आनंद धारवैया, राजेश तिवारी, महेश मेहदेले, लामू सिंह पतले आदि शामिल रहे। वहीं मुंडन कराने वाले कर्मचारियों में देवेश खराड़ी रेंजर, आनंद धारवैया स्थायिकर्मी, दिनेश तिवारी वनपाल, विकास चौरसिया कम्प्यूटर आपरेटर, मुन्ना लाल यादव स्थायिकर्मी, राजेश कुमार अर्सिया स्थायिकर्मी, जीवन लाल परते वनपाल, सुरेश बैरागी वनपाल, प्रेमलाल उइके स्थायिकर्मी, नन्हू मरावी स्थायिकर्मी शामिल रहे।
यह हैं प्रमुख मांगेंराजस्व व पुलिस के समान 13 माह का वेतन प्रदान किया जाए।
वन कर्मचारियों को सशस्त्र बल घोषित किया जाए।
वन रक्षक से लेकर प्रधान मुख्य वन रक्षक स्तर तक के सभी अधिकारियों कर्मचारियों को वर्दी अनिवार्य की जाए।
वन रक्षकों की नियुक्ति दिनांक से ग्रेड पे 1900-5680 का लाभ दिलाया जाए।
वन सेवा के दौरान दिव्यांग कर्मचारियों को वन शहीद का दर्जा दिया जाए।