मंडला

80 में से 60 मरीज गंभीर मलेरिया की चपेट में

1.17 लाख स्लाइड में मिले 80 पॉजिटिव

मंडलाJul 27, 2019 / 01:07 pm

Mangal Singh Thakur

malaria

मंडला. आदिवासी बहुल्य जिले में मलेरिया बुखार अपनी अंतिम सांसें ले रहा है। इस बात की पुष्टि हो रही है वर्ष 2019 में किए गए उन रक्त परीक्षणों से, जिनके लिए जिले के अलग अलग विकासखंडो से रक्त के नमूनों को इक_ा किया गया। विभागीय आंकड़े बता रहे हैं कि इस वर्ष अब तक जिले के 9 विकासखंडों से लगभग 1.17 लाख स्लाइड के जरिए ब्लड सैंपल इक_ा किए गए, जिनके परीक्षण के बाद मात्र 80 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए। इन में से 60 मरीज फेल्सीफेरम बुखार से और शेष 20 मरीज वॉलवॉक्स बुखार से पीडि़त पाए गए। चिकित्सा क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि आदिवासी और पिछड़ा कहलाए जाने वाले जिले के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में जिले भर में कुल 330 मरीज मलेरिया ज्वर से पीडि़त पाए गए थे। इस वर्ष यह आंकड़ा गिरकर 80 पर आ गया है।
ऐसे मिली उपलब्धि
मलेरिया पर नियंत्रण के बारे में सीएमएचओ डॉ केसी सरोते ने बताया कि मलेरिया ज्वर पर नियंत्रण के लिए मैदानी अमले की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। जहां कहीं भी एक भी मलेरिया का मरीज मिल रहा है या कोई भी व्यक्ति ज्वर से पीडि़त पाया जा रहा है तत्काल उसकी स्लाइड बनाई जा रही है और पॉजिटिव पाए जाने पर उस मरीज का पूर्ण उपचार के साथ साथ क्षेत्र में कीटनाशकों का छिडक़ाव कराया जा रहा है। इसके साथ ग्रामीण इलाकों में लगातार लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है। यही कारण है कि मलेरिया का शीघ्र ही पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा।
घट गए हाईरिस्क एरिया
बताया गया है कि जिले की स्वास्थ्य विभाग की टीम मलेरिया पर नियंत्रण करने के लिए लगातार दौरे कर रही है। जिले के सबसे दूरस्थ और पिछड़े अंचल मवई को पूरी तरह से हाईरिस्क एरिया से मुक्त कर दिया गया है। विभागीय आंकड़़े बता रहे हंै कि जिले में अब सिर्फ 7 विकासखंडो में हाईरिस्क क्षेत्र चिन्हित किए गए हैंं इनकी कुल संख्या 18 है। मवई और घुघरी क्षेत्र पूरी तरह से हाईरिस्क क्षेत्र से मुक्त कर दिए गए हैं। मलेरिया विभाग के अधिकारी ने बताया कि हाईरिस्क का मापदंड 1- एपीआई को माना गया है। यानि यदि किसी क्षेत्र में एक हजार की जनसंख्या में एक मरीज यदि मलेरिया से पीडि़त पाया जाता है तो उसे हाईरिस्क एरिया घोषित कर दिया जाता है। बम्हनी, मोहगांव और बिछिया विकासखंडों में हाईरिस्क एरिया की संख्या महज एक-एक, नैनपुर-निवास में तीन-तीन, बीजाडांडी में 4 एवं नारायणगंज में 5 हाईरिस्क एरिया चिन्हित किए गए हैं और इन सभी क्षेत्रों पर दो चरणों में कीटनाशकों का छिडक़ाव किया जाएगा। पहले चरण का छिडक़ाव 15 जून से 30 जुलाई तक और दूसरा चरण 1 सितंबर से 15 अक्टूबर तक चलेगा।

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