कोर्स उपलब्ध, कोर्स की पढ़ाई नहीं
मंडला•Nov 02, 2019 / 12:34 pm•
Mangal Singh Thakur
600 college students forced to study in 5 rooms
निवास. मंडला. तमगा शासकीय महाविद्यालय का, यहां पढऩे वाले छात्र-छात्राओं की संख्या लगभग छह सौ और अध्यययन के लिए महाविद्यालय भवन में उपलब्ध कक्ष महज पांच। यह है आदिवासी बाहुल्य जिले के शासकीय महाविद्यालय निवास की। जहां न ही मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं और न ही विभिन्न विषयों के लिए आवश्यक व्याख्याता और लाइब्रेरी। यहां तक कि ऐसा कोई कॉमन हॉल भी नहीं, जहां किसी प्रकार की शैक्षणिक अथवा अकादमिक परिचर्र्चाएं हो सके। अंदाजा लगाया जा सकता है कि निवास स्थित शासकीय महाविद्यालय में पढऩे वाले विद्यार्थियों का शैक्षणिक विकास कर पाने में यह महाविद्यालय कितना सक्षम है?
कोर्स हैं पर पढ़ाई नहीं होती
निवास शासकीय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा लंबे अरसे से मांग की जा रही थी कि यहां विज्ञान संकाय की पढ़ाई शुरु कराई जाए। लंबे अरसे बाद पिछले वर्ष महाविद्यालय में विज्ञान संकाय शुरु किया गया लेकिन अफसोस सिर्फ संकाय ही शुरु हो सका, पढ़ाई नहीं। महाविद्यालय में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि बीएससी की कक्षाएं शुरु हुए एक वर्ष हो चुका है, इन एक वर्ष मे जीयोलॉजी और केमिस्ट्री की एक भी कक्षा नहीं लगी क्योंकि आवश्यक व्याख्याता ही उपलब्ध नहीं हैं। एक वर्ष पहले छात्र-छात्राओं को विज्ञान की पढ़ाई के लिए अन्य शहरों की ओर रुख करना पड़ रहा था। संकाय शुरु होने के बाद जिन्होंने इस महाविद्यालय में एडमिशन लिया अब उनके भविष्य पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया है क्योंकि यहां सिर्फ कोर्स उपलब्ध कराए गए हैं, पढ़ाने के लिए व्याख्याता नहीं। इतना ही नहीं, महाविद्यालय में विज्ञान संकाय की लाइब्रेरी तक शुरु नहीं की गई है।
5 कक्षों में 600 विद्यार्थी
महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं की मांग पर वर्ष 2018 में निवास महाविद्यालय में विज्ञान संकाय तो शुरु कर दी गई किंतु छात्र-छात्राओं को बैठने के लिए उचित व्यवस्था व बिल्डिंग अभी तक नहीं उपलब्ध कराई गई है। उनको पढ़ाने के लिए शिक्षक भी नहीं है । पूरी बिल्डिंग में 5 कमरे ही हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्यार्थी किस तरह कक्षा में बैठते होंगे? विद्यार्थियों की शिकायत है कि यहां सभी छात्रों के लिए पेयजल व्यवस्था, शौचालय व्यवस्था, लेडीस कॉमन रूम, बैठक व्यवस्था के लिए फर्नीचर भी नहीं है। विद्यार्थी यदि महाविद्यालय में शैक्षणिक परिचर्चा, वार्षिकोत्सव या सांस्कृतिक कार्यक्रम करना चाहे तो आडिटोरियम या हॉल भी नहीं है। पिछले 8 वर्षो से महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव नहीं हो सका है। यहां नियमित रूप से तीन से चार शिक्षक है जो शासकीय है। शेष सब अतिथि के रूप में अध्ययन करा रहे हैं ।