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निर्धारित ओपीडी से कम संख्या पर होगी कार्रवाई

locationमंडलाPublished: Aug 23, 2019 06:14:35 pm

Submitted by:

Sawan Singh Thakur

राज्य शासन ने जारी की गाइडलाइन

निर्धारित ओपीडी से कम संख्या पर होगी कार्रवाई

निर्धारित ओपीडी से कम संख्या पर होगी कार्रवाई

मंडला। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की प्रतिमाह ओपीडी 1500 निर्धारित की गई है। इससे कम होने पर सम्बंधित चिकित्सा अधिकारी समेत अन्य जिम्मेदारों के वेतन काटने की कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में मिशन संचालक छवि भारद्वाज ने गाइडलाइन जारी कर दी है। बताया जाता है कि विभागीय समीक्षा किए जाने पर कई तरह की लापरवाही सामने आई है, जिसमें अधिकांश शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की मासिक ओपीडी नाम मात्र की मिली है।
इसके चलते शासन ने उक्त निर्णय लिया है, जिसके तहत जिन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मासिक ओपीडी 1500 से कम लगातार तीन माह से कम होने पर चौथे माह से संबंधित मेडिकल ऑफिसर के मासिक वेतन से प्रतिमाह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 10 प्रतिशत वेतन काटकर शेष वेतन का भुगतान किया जाएगा।
मिशन संचालक के निर्देशानुसार उक्त कार्रवाई संबंधित चिकित्सा अधिकारी के अनुबंध तक जारी रहेगा तथा नवीन वित्तीय वर्ष के लिए दोबारा अनुबंध नहीं किया जाएगा। इसके अलावा स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर अपनी सेवाएं केचमेंट क्षेत्र में ही देंगे तथा संबंधित मेडिकल अधिकारी की ड्यूटी अन्य क्षेत्र में नहीं लगाई जाएगी।
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को मिलेगा बढ़ा हुआ मानदेय
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यतर संभाग, जिला तथा विकासखंड संविदा अधिकारी-कर्मचारी जिन्हें दक्षता आंकलन प्रक्रिया में 65 प्रतिशत से कम प्राप्त हुए थे, उन्हें भी मानदेय वृद्धि का लाभ दिया जाएगा। इस संदर्भ में मिशन संचालक ने निर्देश जारी किए है। इसके अलावा जिन संविदा कर्मचारियों के दक्षता आंकलन में शून्य अंक दर्शित हुए थे, उन कर्मचारियों में से 38 कर्मचारी के अतिरिक्त उक्त लाभ प्रदान किया जाएगा।
हालांकि कर्मचारियों के मानदेय वृद्धि की सूची फिलहाल जारी नहीं की गई है। गौरतलब है कि वर्ष 2017-18 के लिए मानदेय वृद्धि की जिलेवार सूची प्रेषित की गई थी। उक्त सूची में वर्ष 2016-17 के दक्षता आंकलन प्रक्रिया में 65 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को मानदेय वृद्धि का लाभ नहीं दिया गया था। मामले में मप्र संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सरकार के उक्त निर्णय को सरकार का सकारात्मक कदम बताया, लेकिन 90 प्रतिशत मानदेय लागू करने से कर्मचारियों को उचित लाभ मिलना बताया है।

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