जिले में आज भी अस्पताल और कारखाने ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए दूसरे जिलों पर निर्भर हैं। सामान्य दिनों में खपत न होने के कारण उन्हें ऑक्सीजन आसानी से सुलभ हो जाता है। दूसरी लहर में सांस के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी तो ऑक्सीजन की मांग में अचानक से इजाफा हो गया। खाली सिलिंडर लेकर लोग दर-दर भटकते दिखे थे। तमाम लोगों की जान समय से ऑक्सीजन न मिलने के कारण चली गई थी।
जानकारी अनुसार जिला चिकित्सालय परिसर में ऑक्सीजन प्लांट का स्टेक्चर बनकर पूर्ण हो गया है। डॉ सुनील यादव ने बताया कि पहले ऑक्सीजन प्लांट 300 लीटर प्रति मिनिट के हिसाब से 60 सिलेंडर प्रतिदिन का ऑक्सीजन प्लांट बनना था लेकिन इसमें थोड़ा बदलाव कर दिया गया है। अब 300 के बजाए 1100 लीटर प्रति मिनिट गैस उपलब्ध कराने की कार्य योजना तैयारी की गई है। जिसके कारण प्लांट शुरू होने में देरी हो रही है। यहां बीपीसीएल कंपनी ने कार्य लिया हुआ है। अब ऑक्सीजन प्लांट में इंस्टालेशन का इंतजार है। पहले किसी ओर कंपनी को ऑक्सीजन प्लांट का कार्य मिला था, लेकिन अब इस प्लांट में बदलाव के बाद भारत पेट्रोलियम कॉपरेशन लिमिटेड इस ऑक्सीजन प्लांट को टेकओवर कर अपना प्लान तैयार कर रही है।
नैनपुर में 6 मई को किया गया था स्थल चयन
नैनपुर. कोरोना लहर में नगर व आसपास के दर्जनों मरीजों को कोरोना काल में ऑक्सिजन नहीं मिल सकी जिसके कारण स्थिति गंभीर हो गई कुछ को रेफर करना पड़ा। ऑक्सिजन की कमी को देखते मंडला विधायक एवं नपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्राचार किया। ऑक्सिजन प्लांट लगाने राशि स्वीकृत कर प्लांट का काम प्रारंभ करने मेंड प्रेस पीवीटी लिमीटेट कंपनी पंजाबी बाग नई दिल्ली के इंजीनियर ने 6 मई को सिविल अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया। तहसीलदार शान्ति लाल विश्नोई ने 21 जून तक ऑक्सिजन प्लांट कम्पलीट होने की बात कही थी। लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है।
इनका कहना
नैनपुर में प्लांट किसी कारण से अब भारत पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा निर्मित किया जाएगा। इसकी नोडल एजेंसी को वर्क ऑफर नहीं मिला, फिर से दूसरी एंजेसी को नियुक्त कर ऑक्सीजन प्लांट को चालू किया जाएगा।
शांति लाल विश्नोई, तहसीलदार, नैनपुर