मंडलाPublished: Jan 21, 2022 10:14:14 am
Mangal Singh Thakur
समाज सेवियों ने घाटों के पास कराया समतलीकरण
समतलीकरण के बाद संगम घाट की बढ़ी शोभा
मंडला. उपनगरीय क्षेत्र महाराजपुर संगम घाट में बिना प्रशासन की मदद के समाजसेवियों ने समतलीकरण का कार्य कराया है। दो दिन में 2 ट्रेक्टरों के माध्यम से उबाड़ खबाड़ जमीन को समतल किया गया है। जिससे घाट की शोभा बढ़ गई है। संगम घाट में आने वाले श्रद्धालुओं को अनुष्ठान में भी सहूलियत होगी। जानकारी के अनुसार उपनगरीय क्षेत्र महाराजपुर के संगम घाट में तीन नदियो का त्रिवेणी संगम है। मां नर्मदा, बंजर और गुप्त रूप में सरस्वती का संगम होता है। यहां तर्पण का अधिक महत्व है जिसके चलते सिवनी, बालाघाट के साथ ही महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ से लोग तर्पण के लिए पहुंचते हैं। अस्थी विसर्जन के लिए पहुंचने वाले लोगों की सुविधा के लिए यहां टीन शेड व अन्य सुविधाएं तो उपलब्ध कराई गई है। लेकिन अस्थी विसर्जन व स्नान के लिए श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ती है। यहां कारोड़ों की लागत से बने घाट कापू के कारण अनुपयोगी हो गए हैं। लोगों को मिटï््टी में स्नान करना पड़ रहा है। वहीं घाट के आसपास लोग कचरा फेंकने का काम करते हैं। जिससे यहां कचरा व पॉलिथिन जमा हो गया था। गंदगी के कारण भी श्रद्धालु परेशान हो रहे थे। जिसको ध्यान में रखते हुए समाजसेवी पंकज चौधरी द्वारा संगम घाट महाराजपुर पर वर्षों से जमी मिट्टी को समतलीकरण कर मैदानी रूप दिया गया। पंकज चौधरी ने बताया कि अगर प्रशासन सहयोग करे तो संगम में बने करोड़ों रुपए से बने घाट पुन: उपयोगी हो सकते हैं। इस ओर प्रसाशन को ध्यान देना चाहिए। संगम में बने घाट के सामने से मिट्टी हटाकर समतलीकरण कर दिया जाए तो पानी फिर घाट तक पहुंच सकता है। दो दिन के कार्य के बाद संगम घाट की सौंदर्यता बढ़ गई है।