शहर सहित जिले में पावर पेट्रोल के दाम 103 रुपए लीटर रहे। सामान्य पेट्रोल 99.92 पैसे तो डीजल के दाम 90.51 पैसे प्रति लीटर तक पहुंच गए। बढ़े दामो के बाद जरूरतमंद उपभोक्ता अब जरूरत के अनुसार ही वाहनों में ईंधन भरवा रहे हैं। गैस एजेंसी के संचालक मधुर अग्रवाल ने बताया कि एलपीजी 14.2 किलो गैस सिलेंडर 817 रुपए व 19 किग्रा का व्यवसायिक उपभोग का सिलेंडर 1696 रुपए में उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर पर सब्सिडी अरसे पहले ही खत्म कर आम आदमी की जेब पर अधिक भार डाल दिया। पेट्रो पदार्थोंं के दामों में वृद्धि को लेकर सरकार व विरोधी दलों में जुबानी जंग भले ही तेज हो गई। लेकिन आम आदमी को फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही।
खाद्य तेल भी हो रहा रसोई से दूर
किराना व्यापारी राजेश राठौर ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में खाद्य तेलों के दामों में 5 से 10 रुपए लीटर की तेजी आ गई। जिले में सर्वाधिक खपत सोयाबीन के तेल की होती है। अब लोकल सोया तेल की खुदरा दर 130 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई। वहीं ब्रांडेड कम्पनियों के तेल के दाम 140 से 150 रुपए लीटर तक जा पहुंचे। मूंगफली को तेल 180 रुपए लीटर में बिक रहा है। सरसों के तेलों के दामों में भी 10 रुपए लीटर तक उछाल आया है। कई कम्पनियों का देसी घी 400 से 480 रुपए प्रति लीटर के भाव से बिक रहा तो बड़ी व नामी कम्पनियों का यहीं घी 510 से 570 रुपए प्रति लीटर के भाव तक पहुंच गया।
इनका कहना
आम आदमी महंगाई से त्रस्त है, कोरोना के बाद व्यापार ठप है, लोगों ने अब गाड़ी चलाना बंद कर दिया है। मध्यम वर्ग के लिए बच्चों को पढ़ाना और परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो रहा है।
श्रीकांत कछवाहा, स्थानीय उपभोक्ता
सरकार महंगाई को नियंत्रित नहीं कर पा रही है। कोरोना काल ने कई लोगों को बेरोजगार कर दिया है। ऐसे में घरेलू गैस सिलेंडर, खाद्य तेल के महंगे होने से आम लोंगो के भुखे मरने की नौबत आ जाएगी।
देवेन्द्र मरावी, गोंगपा जिला अध्यक्ष
किराना सामग्री लगातार महंगी हो रही है। ग्राहकों को समझाना मुश्किल हो रहा है। 80-85 रुपए बिकने वाला तेल आज 120-130 रुपए हो गया है। वहीं अन्य किराना सामग्री में भी महंगाई की मार देखने को मिल रही।
राजेश राठौर, किराना व्यापारी