समाजसेवियों ने की जिला प्रशासन से मांग
मंडला
Updated: May 25, 2019 08:14:58 pm
मंडला. आदिवासी बहुल्य जिले में मवेशी पालकों द्वारा मवेशियों को सड़क पर खुला छोड़ दिया जाता है। इससे न केवल आवागमन बाधित हो रहा है बल्कि दुर्घटनाएं भी होती हैं। दुर्घटना में वाहनचालकों को कम, मवेशियों के जख्मी होने की घटनाएं अधिक हो रही हैं। अभी तक दर्जनों घायल मवेशियों को पशु चिकित्सालय ले जाने में गौसेवकों की सबसे प्रमुख भूमिका रही है लेकिन उचित वाहन का अभाव होने के कारण मूक पशुओं को कई बार चिकित्सालय ले जाने में देरी हो जाती है।
जिला मुख्यालय में सक्रिय गौ सेवा और रक्तदान संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से अपील की है कि पशु चिकित्सालय में एक एम्बूलेंस की व्यवस्था कराई जाए ताकि घायल मवेशियों को मौके से पशु चिकित्सालय ले जाया जा सके।
तोड़ देते हैं दम
गौ सेवा और रक्तदान संगठन प्रमुख दिलीप चंद्रौल ने बताया कि वाहनों की व्यवस्था नहीं होने के कारण कई बार घायल अथवा बीमार मवेशी बिना उपचार के दम तोड़ देते हैं। गौरतलब है कि संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने पिछले महीने से मृत आवारा मवेशियों के अंतिम संस्कार की शुरुआत कर जिलेवासियों और पशुपालकों तक अच्छा संदेश पहुंचाया। संगठन के जिलाध्यक्ष दिलीप चंद्रौल का कहना है कि यदि कोई मवेशी शहरी सीमा में घायल अथवा बीमार मिले तो उसे किसी तरह पशु चिकित्सालय भिजवा देते हैं लेकिन शहरी सीमा से दूर और दूर दराज के इलाकों में यदि कोई पशु दुर्घटनाग्रस्त हो जाए अथवा बीमार हो जाए तो उसे पशु चिकित्सालय तक लाने में बेहद परेशानी होती है। ऐसे में वे अपनी जान गवां बैठते हैं। जिला प्रशासन से शीघ्र ही पशु एम्बूलेंस उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
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