दो किमी दूर खड़ा करना पड़ता है वाहन
किसी भी गांव का विकास तब संभव है जब वहां अवागमन का रास्ता सुलभ हो। पत्रिका टीम ने धन गांव ग्राम पहुंचकर गांव के विकास की हकीकत जानी तो पता चला कि यहां लोग संघर्ष के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ग्राम तक पहुंचने से पहले 2 किमी दूर अपना वाहन खड़ा करना पड़ता है। एम्बुलेंस कर्मचारी भी मरीज को लेने के लिए दो किलोमीटर दूर पैदल ही पहुंचते हैं। ग्राम में मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है। गांव में शौचालय निर्माण भी अधूरा पड़ा है। पेयजल, शिक्षा व्यवस्था सहित अन्य समस्या बनी हुई है। प्रधानमंत्री आवास की भी किश्तें अटकी हुई हैं। जिससे वाहन पूर्ण नहीं हो पा रहा है।
गांव में पक्की सड़क नहीं बनाई गई आने जाने के लिए लोगों को परेशानी हो रही है। कुछ समय पूर्व गांव की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसकी मरम्मत अब तक नहीं की गई है।
सुरेश यादव, ग्रामीण
धनगांव को मुख्य मार्ग से जोड़ा गया है। धनगांव से दूसरे गांव जाने के लिए रास्ता कच्चा है। वन विभाग की जमीन के कारण समस्या हो रही है। पक्की सड़क बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री