जिले के एकमात्र सूर्य मंदिर का स्कंद पुराण में मिलता है उल्लेख
मंडला
Published: February 18, 2022 11:09:36 am
मंडला. जिला मंडला मां नर्मदा के चलते पवित्र नगरी घोषित है यहां नर्मदा नदी के किनारे कई धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के मंदिर आज भी विद्यमान है। जिनका उल्लेख पुराणों में मिलता है, लेकिन समय के साथ अब ये मंदिर जीर्णशीर्ण हालत में पहुंच गए हैं। यदि समय रहते इनका जीर्णोद्धार नहीं कराया गया तो कुछ समय बाद इनका अस्तित्व ही खत्म होने की कगार पर पहुंच जाएगा। जिला मुख्यालय में नर्मदा तट में स्थित सिंहवाहिनी वार्ड के नावघाट में एक अति प्राचीन सूर्य मंदिर है जिसका उल्लेख स्कंद पुराण के रेवाखंड में मिलता है। बताया जाता है कि यह सूर्य मंदिर करीब 500 से अधिक साल पुराना है।
नावघाट स्थित इस सूर्य मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद महाराज बताते हैं कि नर्मदा तट में स्थित जिले भर में एक मात्र सूर्य मंदिर है। वैसे तो कई मंदिरों में भगवान सूर्य की प्रतिमाएं स्थापित है लेकिन इस सूर्य मंदिर में प्रधान देवता के रूप में भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित है। पुजारी सच्चिदानंद महाराज ने बताया कि यह मंदिर अब समय के साथ काफी जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच गया है, यदि समय रहते इसका जीर्णोद्धार नहीं कराया गया तो कभी भी यह प्राचीन सूर्य मंदिर धराशायी हो सकता है। बताया गया कि इस मंदिर प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रृद्धालु पूजन-अर्चन के लिए पहुंचते हैं यदि अचानक कोई हादसा होता है, तो कई श्रृद्धालु इसकी चपेट में आकर घायल हो सकते हैं।
वटवृक्ष के आसन में लगाते हैं ध्यान
इस प्राचीन सूर्य मंदिर में एक ध्यान केन्द्र भी है। जिसकी खासियत यह है कि इसके बीचों-बीच वटवृक्ष का एक आसन है यह आसन करीब 100 साल से भी पुराना बताया जाता है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि जो महात्मा यहां आते हैं वे इस ध्यान केन्द्र में वटवृक्ष के आसन में बैठकर ध्यान लगाते हैं।
दो सांसदो ने दिया है आश्वासन
इस सूर्य मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद महाराज ने बताया कि लोग इस सूर्य मंदिर के इतिहास इसके महत्व को जानें, इसके लिए 31 दिसंबर 2021 से 6 जनवरी 2022 तक यहां मां नर्मदा पुराण का आयोजन कराया गया। जिसमें लोकसभा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और राज्यसभा सांसद संपतिया उइके भी पहुंची थी लोकसभा सांसद द्वारा इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। इसी तरह राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके द्वारा एक लाख रूपए देने की घोषणा की गई थी। पुजारी का कहना है कि दोनो सांसद की घोषणा के डेढ़ माह बाद भी अब तक कोई मदद इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए नहीं दी गई है। आर्थिक मदद के बाद ही मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा सकता है।
हर रविवार को होते हैं आयोजन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्य को 9 ग्रहों में प्रधान देव माना गया है भगवान सूर्य की आराधना से सभी ग्रहों के शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं। जिसके चलते नर्मदा तट में स्थित इस सूर्य मंदिर में बड़ी संख्या में श्रृद्धालु भगवान सूर्य की उपासना, पूजन-अर्चन के लिए पहुंचते हैं। पुजारी सच्चिदानंद महाराज ने बताया कि प्रत्येक रविवार को भगवान सूर्य का विशेष पूजन-अर्चन के साथ हवन, भण्डारा का आयोजन होता है वहीं भगवान सूर्य की उपासना के लिए प्रमुख माह पूस में महीने भर इस मंदिर में धार्मिक आयोजन होते हैं।
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