जिंदगी-मौत से जूझ रही है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
मंडलाPublished: Jan 14, 2019 05:01:43 pm
पोषण आहार लाने के दौरान हुई थी दुर्घटनाग्रस्त
जिंदगी-मौत से जूझ रही है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
मंडला. बबलिया सेक्टर ए अंतर्गत ग्राम सिमरिया में पदस्थ आंंगनबाड़ी कार्यकर्ता गीता मार्को 24 दिसम्बर महिला बाल विकास कार्यालय नारायणगंज में बच्चो का पोषण आहार लेने गई थी। उस दौरान वाहन दुर्घटना से वह गंभीर रूप घायल हो गई है। ईलाज के दौरान डॉक्टर ने बताया है कि गीता की दो पसली टूटी है ,गले की हड्डी खिसक गई है, कमर की हड्डी टूटी चुकी है और फेफड़ा भी क्षतिग्रस्त हो चुका है। बताया जा रहा है कि रुपयों के अभाव में उक्त आंंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर में पड़ी हुई है जिससे देखने पहुंची जानकी बैरागी आंंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ जिला मंडला ने बताया कि महिला बाल विकास के कोई भी अधिकारी मौके में देखने नही आये सिर्फ आंंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने चंदा करके पांच हजार रुपए इकट्रठा किए और दुर्घटनाग्रस्त गीता मार्को को उपलब्ध कराए। बताया गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दो माह से वेतन तक नहीं मिला है वे जैसे तैसे 100-200 रुपए इकट्ठा कर 5 हजार रुपए ही जोड़ पाईं।
20 दिनों से मौत के मुंह में है गीता
दुर्घटनाग्रस्त गीता 20 दिनों से मौत से संघर्ष कर रही है लेकिन किसी प्रकार की व्यवस्था जनप्रतिनिधियों द्वारा नही किया गया। यही कारण है कि गीता का इलाज हो पाना बेहद मुश्किल हो गया है। आंंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष जानकी बैरागी एवं कार्यकर्ताओ ने आरोप लगाया है कि बेवजह महिने में तीन-चार बार नारायणगंज में बुलाया जाता है, जिसका टीए-डीए कुछ भी नही मिलता यहा तक कि एमआर-फार्म एवं अन्य सामाग्री आने जाने का परिवहन स्वयं व्यय करना पडता है। ऐसे में दो माह से वेतन न मिलने के कारण उन्हें अनेक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।
बंद हो शोषण
बताया गया है कि बबलिया सेक्टर में 24 केन्द्र है- छपरा एवं जुझारी मिलाकर के 50 केन्द्र है ऐसे कुल 74 केन्द्र है जिनकी मासिक बैठक बबलिया में एक अधिकारी आकर ले सकते हैं या अन्य गतिविधियो की बैठक एवं पोषण अहार का स्टाफ बबलिया में हर माह एक साथ भेजा जा सकता है। अधिकारियों की मनमानी से आंंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का शोषण हो रहा है।