अव्यवस्थाओं की कब्र में बच्चियों के सपने किए जा रहे दफन
पढऩे के लिए आई बच्चियों को बनाना पड़ता है खाना, कन्या छात्रावास में अव्यवस्थाएं हावी, समाज सेवी संस्था के निरीक्षण में सामने आया मामला

मंडला/भाईबहिननाला. छात्रावासों में अव्यवस्थाएं हावी होती जा रही हैं। नियमित जांच होने छात्रावास के जिम्मेदार अधिकारी मनमानी करने में आतूर है। जानकारी के अनुसार सभी ब्लॉक स्तर के मुख्यालय के पास ही 50 सीटर आदिवासी कन्या छात्रावास संचालित है। जहां पर शासन स्तर से मिलने वाली साधन तो मानो कोषों दूर है और सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया है। समस्या इतनी वीभत्स्य है की बच्ची खाना बनाने के लिए लकड़ी लेने खुद जंगल जाती है। खाना खुद बच्चियां बनाती हैं। खाने में सिर्फ दाल चावल और कभी बेसन चावल जैसे सब्जी का स्वाद तो बच्चे भूल ही गए है।

सुबह का नास्ता क्या होता है बच्चों को पता ही नहीं। उक्त मामला समाज सेवी संस्था आदिम नव जागृति सेवा संस्थान मवई के पदाधिकारियों के निरीक्षण के दौरान सामने आई। संस्था के पदाधिकारियों ने मवई स्थितआदिवासी कन्या छात्रावास का मुआयना किये तो सभी के सभी स्तब्ध रह गए। मवई छात्रावास में यहां तक खाना खाने के लिए बर्तन थाली भी बच्चे अपने-अपने घर से खुद ही लेकर आए हैं। छात्रावास में शौचालय तो है पर उनकी दशा ठीक नहीं होने की वजह से बच्चियां शौच के लिए आज के समय में बहार जाने मजबूर हैं। संस्था के सदस्यों ने बताया कि छात्रावास में पलंग तो है पर पलंग से बिस्तर ही गायब हैं। बच्चे खाली पलंग में सोने को मजबूर है। पीने का पानी, खाना बनाने का पानी खुद से बच्चे भरते हैं, जेट महीनों से खराब है। सदस्यों ने बताया कि निरीक्षण के दौरान पता चला की छात्रावास अधीक्षिका इंद्रा धुर्वे कई दिनों से छात्रावास नहीं आई है। बाकि कर्मचारी भी लगभग नदारद ही रहते हैं कभी कभार घूमने फिरने ही छात्रावास आते हैं। जो माह में बच्चियों को तेल साबुन नहाने धोने के लिए मिलता है वो कई महीनों से बच्चों ने देखा तक नहीं। इतनी भरी गर्मी में बिना रोशनी बिना पंखे के रह रहे हैं और गर्मी से बचने बच्चियों रूम से बहार सोने मजबूर है। आदिम नव जागृति सेवा संस्थान मवई के पदाधिकारियों ने मौके से बीईओ को फोन से छात्रावास की स्थति से अवगत कराया और इसका उचित निराकरण 7 दिवस के अंदर नहीं होने पर कलेक्टर और सहायक आयुक्त से मिलकर शिकायत करने की चेतावनी दी है।
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