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वनांचल क्षेत्र में बीएसनएल बना रोड़ा, नहीं मिल रही संचार सेवाएं

locationमंडलाPublished: Oct 28, 2021 08:34:57 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

विगत कई वर्ष से बंद , शिकायत के बाद अधर में संचार सेवा

वनांचल क्षेत्र में बीएसनएल बना रोड़ा, नहीं मिल रही संचार सेवाएं

वनांचल क्षेत्र में बीएसनएल बना रोड़ा, नहीं मिल रही संचार सेवाएं

वनांचल क्षेत्र में बीएसनएल बना रोड़ा, नहीं मिल रही संचार सेवाएं
विगत कई वर्ष से बंद , शिकायत के बाद अधर में संचार सेवा
मंडला. जिले के ऐसे कई ग्रामीण क्षेत्र है जहां कभी भी मोबाईल नेटवर्क गायब हो जाता है। जिले के वनाचंल क्षेत्र की संचार सेवा भगवान भरोसे है। यहां आये दिन मोबाइल नेटवर्क गायब रहता है। मोबाइल आऊट ऑफ कवरेज हो जाते है। जिससे संपर्क नही हो पाता है। ग्रामीणो को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन विभाग के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे बीएसएनएल की सेवाएं बेहतर नही हो पा रही है। वनांचल क्षेत्र के विकास में संचार सेवाएं रोड़ा बनी हुई है।
बता दे कि मवई, मोतीनाला और मंडला विकासखंड के सागर, बकौरी समेत अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में बीएसएनएल की संचार सेवा लडख़ड़ाई है। यहां आये दिन नेटवर्क बंद होने के कारण लोगो के महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित होते है, संपर्क स्थापित नही हो पाने के कारण सुविधाएं और सेवाएं भी नहीं मिल पाती है। ग्रामीण इलाकों में बीएसएनएल की संचार सेवा गड़बड़ होने कारण ग्रामीणजन परेशान है।
मोतीनाला में पांच वर्ष से बंद है बीएसएनएल :
बताया गया कि जिले के वनांचल क्षेत्र में मोबाईल नेटवर्क कभी भी गायब हो जाते है, लेकिन वनांचल मोतीनाला क्षेत्र की संचार सेवा भगवान भरोसे है। यहां करीब पांच से से लोग बीएसएनएल का नेटवर्क अपने मोबाईल में नहीं देेखे है। जिसके कारण यहां के लोग बीएसएनएल नेटवर्क से परेशान है। इस ओर संबंधित विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। मोतीनाला की बीएसएनएल सेवाएं बेहतर नही हो पा रही है। बता दे कि मोतीनाला क्षेत्र के भाई बहन नाला, मंगली, मोतीनाला के बीएसएनएल टावर बंद पड़े हुए हैं। कोई भी विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बीएसएनएल का नेटवर्क अच्छा मिलता है लेकिन यहां के लोगों को इससे वंचित है। नेटवर्क न होने के कारण सरकारी, गैर सरकारी कार्य प्रभावित हो रहे है। जिससे परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बकौरी में कभी भी बंद हो जाता है नेटवर्क :
ग्राम सागर, बकौरी समेत आसपास के क्षेत्रों में बीएसएनएल का नेटवर्क अचानक ही बंद हो जाता है। कभी मोबाईल आऊट ऑफ कवरेज तो कभी सेवाए उपलब्ध नहीं है बताता है। बीएसएनएल की सर्विस ठीक ना होने के कारण क्षेत्र में लोगो ने दूसरी फोन कंपनियों की सेवा लेना शुरू कर दी है। जो बचे-खुचे ग्राहक हैं बदहाल सेवा के चलते वे भी जल्दी ही बीएसएनएल को नमस्ते कहने की तैयारी मे हैं।

मवई में जब चाहे गायब हो जाता है नेटवर्क :
बढ़ते भारत और आधुनिकता के इस समय में वनांचल क्षेत्र मवई व आसपास का क्षेत्र अभी भी 20 साल पीछे है। मंडला जिले का कश्मीर कहां जाना वाला वनांचल क्षेत्र मवई में भी संचार सेवाएं आए दिन ठप्प रहती है। इसके पहले भी नेशनल हाइवे के निर्माण कार्य के दौरान करीब दो साल तक मवई में बीएसएनएल सेवा बंद रही है। इसके बाद चालू तो कर दी गई लेकिन सेवाएं बेहतर नही मिल पा रही है। रोजना टावर गुल हो जाते है। कई बार हफ्ते-हफ्ते भर सेवाएं बाधित रहती है। लेकिन कोई सुनवाई नही होती है। शिकायत के बाद सुधार कार्य समय पर नही होता है। जिससे स्थानीय लोगों मेे रेाष देखा जा रहा है। दूर संचार सेवा फिर करीब दो हफ्ते से बंद पड़ी है। मवई क्षेत्र में भी बीएसएनएल की सेवाएं भगवान भरोसे है। आए दिन मुख्यालय मवई में लैंडलाइन सेवा एवं इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए ब्रॉड बैंड सेवा बंद है।
नही मिल पाती आकस्मिक सेवा:
बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्र बीएसएनएल के भरोसे में है। नक्सल प्रभावित इलाके में लोगो को एम्बूलेंस और डायल 100 की सेवाएं भी नहीं मिल पाती है। लोग टावर बंद होने की स्थिति में संपर्क नही कर पाते है। यहां एक्सीडेंट होने की स्थिति में ही देर से जानकारी मिल पाती है। नक्सल प्रभावित इलाके में समय पर मदद नहीं मिल पा रही है। साथ अन्य ग्रामीणों क्षेत्रों में भी यही हाल है।
इनका कहना है

कई वर्षो से मोतीनाला क्षेत्र में बीएसएनएल की सेवाएं ठप्प चल रही है, लेकिन यहां संबंधित अधिकारी इसे सुधरवाने की तरफ ध्यान नहीं दे रहे है। 181 में भी शिकायत कर चुके है, इसके बाद भी आज दिनांक तक बीएसएनएल नेटवर्क शुरू नहीं हो सका है। बीएसएनएल टावर यहां शोपीस बनकर रह गया है।
लखन लाल बंजारा
मोतीनाला में बीएसएनएल टॉवर सिर्फ शोपीस बन गया है। यहां पहले बीएसएनल का अच्छा नेटवर्क था। जिससे ग्रामीणों में बहुत उत्साह था कि दूरसंचार विभाग बीएसएनल का गांव गांव में टावर लगाकर बढिय़ा नेटवर्क प्रदान किये लेकिन अब सब शोपीस बनकर रह गए है। इससे लोग काफी परेशान है।
दीपक बंजारा
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