बढ़ते तापमान से बढ़ा खतरा
मंडला
Published: April 25, 2022 04:05:36 pm
मंडला. भीषण गर्मी ने जहां मानव जीवन को प्रभावित कर रही है वहीं मवेशियों के लिए भी उतनी ही घातक साबित हो सकती है। पानी की कमी तेज धूप के कारण कई बार मवेशियों की जान भी चली जाती है। भीषण गर्मी, लू एवं तापमान के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। तेज गर्म मौसम तथा तेज हवाओं का प्रभाव पशुओं की सामान्य दिनचर्या को प्रभावित करता है। भीषण गर्मी की स्थिति में पशुधन को सुरक्षित रखने के लिए विशेष प्रबंधन एवं उपायों, जिनमें ठंडा एवं छायादार पशु आवास, स्वच्छ पीने का पानी आदि पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता हैं। तेज गर्मी से बचाव प्रबंधन में जरा सी लापरवाही से पशु को लू नामक रोग हो जाता है। लू से ग्रस्त पशु को तेज बुखार हो जाता है और पशु सुस्त होकर खाना पीना बंद कर देता है। शुरू में पशु की श्वसन गति एवं नाड़ी गति तेज हो जाती है। कभी-कभी नाक से खून भी बहने लगता है। पशु पालक के समय पर ध्यान नहीं देने से पशु की श्वसन गति धीरे-धीरे कम होने लगती है एवं पशु चक्कर खाकर बेहोशी की दशा में ही मर जाता है। पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वे पशु आवास हेतु पक्के निर्मित मकानों की छत पर सूखी घास या कड़बी रखें ताकि छत को गर्म होने से रोका जा सके। पशु आवास के अभाव में पशुओं को छायादार पेड़ों के नीचे बांधना चाहिए। पशु आवास में आवश्यकता पडऩे पर बोरी के टाट को गीला कर दें, जिससे ठंडक बनी रहेगी। पशु आवास गृह में आवश्यकता से अधिक पशुओं को नहीं बांधे तथा रात्रि में पशुओं को खुले स्थान पर बांधे। गर्मी के मौसम में पशुओं को हरा चारा अधिक खिलाएं। पशु मे बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क कर पशु का उपचार करायें, जिससे पशुधन तथा उसके उत्पादन में होने वाली हानि से बचा जा सकता है।
सबसे लोकप्रिय
शानदार खबरें
मल्टीमीडिया
Newsletters
Follow Us
Download Partika Apps
Group Sites
Top Categories
Trending Topics
Trending Stories
बड़ी खबरें