scriptनरवाई की आग के बीच फंसे मवेशी | Cattle trapped between the fire of Narwai | Patrika News

नरवाई की आग के बीच फंसे मवेशी

locationमंडलाPublished: Apr 25, 2019 10:49:42 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

रात में बैचेन रहे ग्रामीण

Cattle trapped between the fire of Narwai

नरवाई की आग के बीच फंसे मवेशी

बम्हनीबंजर. बम्हनीबंजर क्षेत्र में मंगलवार की दोपहर एक खेत में खड़ी नरवाई में लगी भीषण आग ने तांडव मचा दिया। बस्ती के दूर लगी आग धीरे-धीरे तेज हवा के चलते बस्ती की ओर आने लगी। इस घटना की सूचना इस क्षेत्र से लगे रहवासियों ने स्थानीय प्रशासन को दी। रहवासियों ने अपने-अपने घरों में रखे पानी से आग बुझाने का प्रयास किया। मगर आग पर काबू नहीं पाया जा सका। मंगलवार की दोपहर से बुधवार की सुबह तक खेतों में आग धधकती रही। ढेकों, ग्वारा, बिचुआ, केवलारी टोला, सकवाह-कला, जेदैपुर, बम्हनी बंजर के 4 नम्बर वार्ड के लोगों को पुरी रात आग के फैलने का डर सताता रहा। कुछ गांव के लोगों ने बस्ती में आग के पहुंचने के पहले ही अपने स्तर पर प्रयास से घरों के पास आ रही आग की लपटों को कुछ समय के लिए रोक दिया। लेकिन खेत में आग की लपटें थमने का नाम नहीं ले रही थी।
बताया गया कि किसानों की लापरवाही के कारण दूसरे किसानों व पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। आग देखते ही देखते सैकड़ों एकड़ जमीन पर फैल गई। खेत में चरने के लिए गए मवेशी आग के बीच में फंस गए। बड़े पेड़ों के नीचे छिपकर मवेशियों ने किसी तरह अपनी जान बचाई। खेतों में किसानों द्वारा लगाए गए पेड़ों को आग ने जला दिया है साथ ही खेत की नरवाई नष्ट हो गई। बहुत से पशु पालक गेहूं कटाई व गहानी के बाद खेतों में ही भूशा छोड़ दिया था। वह भी आग की चपेट में आने से जलकर खाक हो गई। पशुपालक अब बारिश के दौरान पशुओं को आहार की व्यवस्था कहां से करेंगे ये सोच कर चिन्तित हो रहे हैं। कुछ किसानों ने तो पम्प व मोटर सिंचाई के पाइप बाद में खेत से घर नहीं ला पाए वे जलकर नष्ट हो गए हैं। पशुपालकों ने बताया कि खाली खेतों में लगी आग से पशुओं के लिए चारा की भारी समस्या हो जाएगी। वैसे भी घास जमीन जो की पशुओं के चरने के लिए सुरक्षित रखी जाती है वहां लोगों ने कब्जा कर लिया है। साथ ही सरकार भी उन्हें अस्थायी पट्टा प्रदान कर पशुपालकों की समस्या को बढ़ा दिया है। पहले हर आदमी अपने घर पर दो चार पशुओं को पालता था लेकिन अब क्षेत्र में गिने चुने लोग ही पशुओं को पालते हैं वे भी आग लग जाने से भूशा बनवा नहीं पाए हैं। लोगों का कहना है कि सरकार पशुपालन को एक ओर बढ़ाने की बात करती है तो लोगों द्वारा काबिज घास भूमि पर से कब्जा को हटवाना होगा। जिसपर कुम्हकरण जैसी गहरी नींद में सो रहे राजस्व विभाग को जगाने की जरूरत है जो कि आय दिनों हो रहे अवैध कब्जे पर कार्रवाही नहीं करती है।
प्रशासन के सक्त निर्देश के बाद भी लापरवाह किसान खेतों की नरवाई में आग लगा रहे हैं। जिससे जमीन पर रहने वाले जीव-जन्तुओ के आवास घौंसले जल कर खाक हो गए हैं। छोटे पौधों के साथ ही पेड़ों को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया है। साथ ही किसानों की जमीन पर लाभकारी पोषक तत्व भी आग से प्रभावित होकर शुन्य हो गए हैं। लोगों का कहना है कि आग की सूचना फायर बिग्रेड को दी गई थी। लेकिन प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली। समय पर प्रशासनिक मदद मिल जाती तो आग पर काबू पाया जा सकता था। उदासीनता के कारण सैंकड़ों हेक्टेयर जमीन पर लगी गेहूं की नरवाई जलकर राख हो गई है।
बम्हनी बंजर नगर के मवेशियों को चराने वाले चरवाहे पप्पू यादव का कहना है कि नगर के मवेशियों को थाने के पास ही एक ही स्थान पर मवेशियों को खडे करके साल भर मवेशियों को चराता हूं मवेशियों का पेट भरने लायक चराने की जगह नहीं है। नगर के लगभग 500 मवेशियों को चराने में बहुत समस्याओं का समाना करना पड़ रहा है।

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