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मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दूर किया असंमजस्य

locationमंडलाPublished: Apr 17, 2019 10:51:24 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

सोशल मीडिया पर चल रही भी खबरों के संबंध में वास्तविक स्थिति

Loksabha Chunav

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मंडला. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है आपके पास भले ही वोटर आईडी हो परन्तु मतदाता सूची में नाम नहीं है, तो आप मतदान नहीं कर सकते। सोशल मीडिया पर इस बारे में चलाई जा रही भ्रामक खबर ‘आप पोलिंग बूथ पर पहुंचते हैं और यदि मतदाता सूची में आपका नाम नहीं है, तो आप आधार कार्ड या वोटर आईडी दिखाकर भी चुनौती वोट मांगते हुए मतदान कर सकते हैं।’ के कारण आयोग ने स्थिति स्पष्ट की है। मतदाता अपना नाम मतदाता सूची में होने की पुष्टि पोर्टल पर अपने दूरभाष या मोबाईल से 1950 टोल फ्री नम्बर डायल कर अपने क्षेत्र के निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के कार्यालय में मतदाता सूची में अपना नाम देखकर सकते हैं। यदि मतदाता सूची में नाम नहीं है, तो मतदाता सूची में निरन्तर प्रक्रिया के तहत नाम जोडऩे के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रथम चरण के अन्तर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों के लिए आवेदन 30 मार्च तक, द्वितीय चरण के लिए 8 अप्रैल तक, तृतीय चरण के लिए 13 अप्रैल तक एवं चतुर्थ चरण के लिए 19 अप्रैल तक आवेदनों को निराकरण के लिए शामिल किया जाएगा। मतदाता सूची में नाम नहीं होने पर आवेदन ऑनलाईन पोर्टल पर या निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के कार्यालय में जाकर आवेदन फार्म-6 में प्रस्तुत कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया पर यह खबर भी चल रही है कि आप मतदान करने जाते हैं और यदि आप पाते हैं कि किसी ने पहले से ही आपका वोट डाला है, तो टेण्डर वोट मांगें और अपना वोट डालें। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह सही है, लेकिन फोटो आधारित मतदाता सूचियों के तथा वोटर स्लिप के साथ-साथ मतदाता पहचान पत्र या आयोग निर्धारित पहचान के दस्तावेज के फलस्वरूप ऐसा न के बराबर होता है। ऐसी भ्रामक खबर भी सोशल मीडिया में पोस्ट की जा रही है कि 14 प्रतिशत टेण्डर वोट होंगे तो ऐसे मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान आयोजित किया जाएगा। यह खबर पूर्णत: गलत है। मतदान के दूसरे दिन केन्द्रीय प्रेक्षक की उपस्थिति में सभी मतदान केन्द्रों की स्क्रूटनी की जाती है। यह भी देखा जाता है कि कोई ऐसी घटना तो नहीं हुई, जिससे मतदान की शुचिता प्रभावित हुई हो। उक्त रिपोर्ट आयोग को प्रेषित की जाती है। इसके बाद ही आयोग के निर्देश पर फिर से मतदान की कार्यवाही होती है।

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