जिले में 17 सौ से अधिक विद्यार्थी फिर से देंगे परीक्षा
मंडला
Updated: May 18, 2022 11:54:09 am
मंडला. राज्य शिक्षा केन्द्र की तरफ से कक्षा 5वीं, 8वीं की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले बच्चों को दोबारा परीक्षा देकर पास होने का मौंका मिलेगा। 12 साल बाद यह परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर होने से नया नियम लागू किया गया है। सरकारी स्कूलों में फेल होने वाले बच्चों की विशेष कक्षाएं लगाकर उन्हें दोबारा से परीक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। अगर फिर भी बच्चा पास नहीं होता है तो उसे बच्चों को अगली कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा। दरअसल प्रदेश में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा 8वीं तक के बच्चों को पास करने की अनिवार्यता थी। लेकिन सरकार ने शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए संशोधन करते हुए कक्षा 5वीं व 8वीं की परीक्षा को बोर्ड पैटर्न पर कर दिया। परीक्षा देने के बाद मूल्यांकन कर नियमानुसार विद्यार्थी को फेल भी किया जाएगा, लेकिन विद्यार्थियों का मनोबल नहीं टूटे इसलिए फेल होने वाले छात्र-छात्राओं को अतिरिक्त तौर पर पढ़ाकर एक या दो माह बाद दोबारा परीक्षा ली जाएगी। जो विद्यार्थी इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाएगा, उसे अगली कक्षा में दाखिला मिलेगा। लेकिन अगर अगर फेल होगा तो दोबारा उसी कक्षा में बैठाकर पढ़ाया जाएगा।
जिले के 1617 बच्चे हुए फेल
राज्य शिक्षा केंद्र की तरफ से जारी परीक्षा परिणाम में कक्षा 5वीं, 8वीं के कुल 1617 बच्चे फेल हुए है। शिक्षा विभाग द्वारा ब्लॉक, संकुल एवं जनशिक्षा केंद्र सहित शालास्तर पर ऐसे बच्चों की पहचान करने के बाद उन्हे दोबारा परीक्षा के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर पढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कक्षा 5वीं के 402 और कक्षा 8वीं के 1215 बच्चे फेल हुए है।
इसलिए बदली गई व्यवस्था
प्रदेश सहित जिले में 8 वीं कक्षा तक फेल न करने के नियम के चलते 9वीं तथा 10वीं कक्षा में ऐसे विद्यार्थी पहुंच रहे थे, जिन्हें एबीसीडी तथा जोड़-घटाव तक नहीं आते हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज होने से 12 साल बाद कक्षा 5वीं एवं 8 वीं कक्षा को दोबारा से बोर्ड परीक्षा करने का निर्णय लिया गया। कमजोर बच्चों की पहचान होने के साथ ही कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा देने से पहले बच्चों की हिम्मत बढ़ेगी। बोर्ड पैटर्न पर आयोजित कक्षा 5वीं, 8वीं की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले बच्चें को दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। कमजोर बच्चों को चिह्नित कर अतिरिक्त पढ़ाई कराई जाएगी।
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