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बंद रास्तों ने बढ़ा दिए सब्जियों के दाम

locationमंडलाPublished: Aug 13, 2019 11:36:58 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

आवक बंद होने से सब्जियों के दाम आसमान पर

Closed paths increased the prices of vegetables

Closed paths increased the prices of vegetables

मंडला. सीजन में जिला मुख्यालय का जो सब्जी बाजार लोकल मार्केट की सब्जियों से अटा रहता था, वही बाजार आजकल अन्य राज्यों से बुलवाई गई सब्जियों से सजा हुआ है और सब्जियों की कीमत आसमान पर है क्योंकि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ जैसे दूरस्थ राज्यों की मंडियों से बुलवाई जा रही सब्जियों की लागत मंडला मार्केट पहुंचते पहुंचते चार गुनी कीमत तक पहुंच रही हैं। इससे एक ओर आम जनता सब्जियों की खरीदी मात्रा में कटौती कर रही है तो दूसरी ओर लागत अधिक होने से मुनाफा भी बेहद कम हो गया है। इसका असर सब्जी विक्रेता और खरीदी करने वाली जनता की जेब पर पड़ रहा है। सब्जी बाजार की रौनक दिनों दिन कम होती जा रही है और मंदी का बाजार जोर पकड़ रहा है।
दरअसल नगर की मंडी में जिन कछारों से सब्जियों की सप्लाई की जाती है वे कछार बारिश में नर्मदा अथवा अन्य नदियों के बढ़े हुए जलस्तर मे डूब चुके हंै। दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों की खेती में जो सब्जियां उगाई जाती हैं वे भी रास्ते बंद होने के कारण मुख्य बाजार तक नहीं पहुंच पा रही हैं। यही कारण है कि लोकल स्तर के सभी बाजारों से पहुंचने वाली सब्जियों की आवक पूरी तरह से बंद हो गई है और बाजार अंतर्राज्यीय सब्जी मंडी के भरोसे चलाया जा रहा है।
महानगरों से आ रही सब्जियां
थोक व्यापारी उमाशंकर सिंधिया ने बताया कि अभी छत्तीसगढ़ के दुर्ग, भिलाई, बेमेतरा, रायपुर, डोंगरगढ़ की मंडियों से सब्जियां बुलवाई जा रही हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र के अकोला, अमरावती, से मिर्ची, भटा, शिमला मिर्च आदि बुलवाई जा रही है। नासिक, औरंगाबाद की मंडियों से फूलगोभी आ रही है। इन मंडियों से यदि पिक-अप जैसे छोटे मालवाहक से भी सब्जियां बुलवाई जाएं तो गाड़ी भाड़ा 12-13 हजार रुपए आता है। यही कारण है कि बढ़ते ट्रांसपोर्ट चार्ज के कारण सब्जियों की कीमत मंडला मंडी आते आते तीन से चार गुनी हो जाती है।
मंडला-रामनगर रूट
नगर के सब्जी बाजार में जिन गावों से सब्जियों की आवक बड़ी मात्रा में होती है, उनमें पुरवा, रामबाग, सकवाह, रामनगर, मधुपुरी, घुघरा, खड़देवरा आदि शामिल हैं। ये सभी गांव मंडला-रामनगर रूट में स्थित हैं। ये सभी गांवों के कछार नर्मदा किनारे स्थित हैं, जहां सीजन में टनों मात्रा में तरह तरह की सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। इस रूट से सब्जियों की आवक बंद हो गई है। कछार में उत्पादन बंद हो गया है और स्थानीय खेतों में उगाई जाने वाली सब्जियां बदहाल रास्तों, बरसाती नालों में डूबी हुई पुलियों आदि के कारण नगर तक नहीं पहुंच पा रही हैं।
मंडला-मोहगांव रूट
जिले के बड़े सब्जी उत्पादन क्षेत्रों में पादरी पटपरा, बकछेरा दोना, सिंगारपुर आदि शामिल हैं। बारिश के कारण इन क्षेत्रों में भी सब्जियों का उत्पादन सबसे निचले स्तर पर जा चुका है। इस रूट पर तीन से चार पुलिया हैं जो जरा सी बारिश में उफान पर आ जाने वाले नालों के आगोश में समा जाते हैं। इसलिए उन सब्जियों को स्थानीय बाजार में ही खपाया जा रहा है नगर के बाजार तक नहीं लाया जा रहा।
मंडला-जबलपुर रूट
नगर के बाजार में सर्वाधिक मात्रा में सब्जियां जिस रूट से बुलवाई जाती हैं उनमें सबसे नजदीक की सबसे बड़ी मंडी है जबलपुर मंडी। बारिश में मंडला-जबलपुर रूट पर आवागमन बेहद जोखिम भरा हो चुका है। ऐसे में स्थानीय थोक व्यापारियों ने जबलपुर सब्जी मंडी से खरीदी बंद कर दी है, इसका असर भी नगर के सब्जी बाजार पर पड़ रहा है।

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