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गोपनीय रिपोर्ट वायरल तो अध्यापकों में हड़कंप

locationमंडलाPublished: Jun 01, 2018 08:16:40 pm

Submitted by:

shivmangal singh

सच नहीं होगा अध्यापकों को दिखाया गया सपना

Confidential Reports Stir in viral teachers

Confidential Reports Stir in viral teachers


मंडला. मप्र सरकार की मंत्री परिषद की केबिनेट बैठक में 29 मई को अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलयन का निर्णय लेने के बाद दोपहर में संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा जो ब्रीफिंग दी गई। उससे अध्यापकों में प्रसन्नता का माहौल बना गया था और अध्यापकों ने एक दूसरे को बधाइयाँ देनी शुरू कर दी क्योंकि खबर शिक्षक संवर्ग के सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता के पदों पर संविलयन और जुलाई 2018 से सांतवा वेतनमान देने की थी। लेकिन शाम होते होते
अध्यापकों की खुशियाँ बहुत जल्दी ही फीकी पड़ गई। इस बारे में जिला अध्यापक संघ के अध्यक्ष डीके सिंगौर ने बताया कि आधिकारिक शासकीय प्रेस नोट जारी होने और केबिनेट निर्णय की गोपनीय 14 पृष्ठीय संक्षेपिका सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद पता चला कि संक्षेपिका और अधिकृत प्रेस नोट में समानता थी। संक्षेपिका के अनुसार, शिक्षा विभाग के शिक्षक संवर्ग के मूल पदों पर मर्ज न करते हुये प्रस्तावित नवगठित मप्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा, शैक्षणिक संवर्ग भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2018 के प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक के पदों पर नियुक्त किया जायेगा।
संघ के अध्यक्ष सिंगौर ने बताया कि अध्यापकों के लिये नये भर्ती नियम और नये केडर का गठन करके मुख्यमंत्री ने एक विभाग एक कैडर की स्वयं घोषणा के उलट काम किया है। इस निर्णय से अध्यापक हतप्रभ हैं और उनकी उम्मीदों पर जम कर पानी फिरा है। संविलयन के स्थान पर नियुक्ति शब्द का उल्लेख है संविलयन होने पर पुरानी सेवा का लाभ मिलता है पर नियुक्ति में नहीं। इस बात को संक्षेपिका में स्पष्ट शब्दों में अंकित कर दिया है कि नियम के प्रभावशील होने के पूर्व की अवधि के वेतनमान भत्तों आदि के हकदार नहीं होंगे। अध्यापक सेवा के प्रारम्भिक गठन के समय नियुक्त किये जायेंगे। चूंकि यह नव गठित संवर्ग है सेवा शर्तें किन के समान होंगी उल्लेखित नहीं हैं।
आशंका जताई जा रही है कि सेवा शर्तों का स्पष्ट उल्लेख न होने से फिर 2007 जैसे हालात बन जायेंगे । सांतवा वेतनमान भी जनवरी 2016 की बजाय जुलाई 2018 से देने का प्रावधान किया गया है। इस नवगठित सेवा के प्राथमिक शिक्षकए माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक को देय वेतनमान का उल्लेख नहीं है । अध्यापकों के इस संवर्ग में नियुक्ती पर वेतन निर्धारण की रीति का भी उल्लेख नहीं है जबकि इस सेवा में आने के दिनांक से ही 7वां देय है । संविलयन के स्थान पर नियुक्ति शब्द का उपयोग होने से यह भी स्पष्ट होना जरूरी है कि पदोन्नति क्रमोन्नती के लिये पूर्व की सेवा गणना में ली जायेगी ।
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