दर्दनाक दास्तां: गर्भवती पत्नी के साथ पैदल तय किया मीलों का सफर, जंगल में गूंजी किलकारी
मंडलाPublished: Apr 17, 2020 08:22:15 pm
– रात में जंगल में ही ठहरे दंपती, सुबह फिर नवजात को लेकर 20 किमी पैदल चले- मजदूर महिला ने जंगल दिया बच्चे को दिया जन्म, जच्चा-बच्चा सुरक्षित
दर्दनाक दास्तां: गर्भवती पत्नी के साथ पैदल तय किया मीलों का सफर, जंगल में गूंजी किलकारी
मंडला/ निवास. कोरोना (Corona) के चलते पूरे देश में लोगों की जिंदगी ठहर सी गई है। मजदूरों को अपने घर जाने के लिए तरह-तरह के जतन करने पड़ रहे हैं। बस, रेल जैसे सभी साधन बंद है। इसके बाद भी मजदूर पैदल ही सैकड़ों मीलो का सफर तय कर अपने घरों को वापस आ रहे है। मजदूर विश्राम मरावी पिता मूंसी मरावी (30) गर्भवती पत्नी संगीता बाई (26) अपने दो बच्चे कन्हैया और ईश्वर को लेकर जबलपुर से मोहगांव के गांव रमपुरी के लिए निकल गए थे। साधन न मिलने से उन्हें सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ा। कालपी के पास जंगलिया गांव के जंगल में महिला को देर रात पेट में दर्द हुआ। विरान जंगल में महिला का दर्द समझाने वाला कोई नहीं था। पति ने मदद के लिए आसपास पता भी किया लेकिन कोई राहत न मिली। इसी बीच महिला ने जंगल में ही नवजात को जन्म दे दिया। महिला और उसके मजदूर पति ने उसी जंगल में काटने का फैसला लिया और रात में वहीं रूक गए। सुबह होते ही पैदल ही फिर चल दिए। जंगल से करीब 20 किलोमीटर दूर पैदल चलकर पहुंचने के बाद पूरा परिवार निवास ब्लॉक के पिपारियां गांव पहुंचा, जहां लोगों के पूछने पर उन्होने व्यथा बताई। बाद में डॉक्टरों से इलाज कराया गया और निवास अस्पताल में भर्ती कराया गया।