मध्यप्रदेश के गांवों में अंधविश्वास तेजी से फैल रहा है। मंडला जिले के नैनपुर क्षेत्र का यह मामला है। दरअसल क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से महुए के पेड़ की पूजा-अर्चना का एक अनोखा प्रचलन चल रहा है। लोगों की मान्यता है कि यह पेड़ अपनी ओर आकर्षित करता है और इसे छूने से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं।
अंधविश्वास के मामले में हो चुके हैं कई प्रकरण दर्ज
एक दर्जन गांवों में फैला यह ‘वायरस’
नैनपुर के ग्राम गौंझी से शुरू हुआ यह सिलसिला अब दर्जनभर गांवों में भी शुरू हो गया है। अब तक बम्हनीबंजर, मुगदरा, जैदेपुर, मुर्गा टोला, आमानाला, बरगंवा और अब निवास क्षेत्र के चरगांव में भी लोग पूजा पाठ करते हुए दिख जाएंगे। इस तरह की घटना से ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे जागरूकता कार्यक्रम भी बेअसर साबित हो रहे हैं।
भीड़ के कारण बढ़ा खतरा
लोग एक दूसरे की बातों में उलझकर वे भी पूजा-अर्चना में जुट रहे हैं। आलम यह है कि भीड़ बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में कभी भी धर्म और अंधविश्वास के चलते कोई अप्रिय स्थिति भी बन सकती है।
पूजा में बच्चे भी शामिल
बताया जा रहा है कि गांवों के लोग अंधविश्वास में महुए के पेड़ पर पूजा-अर्चना करने पहुंच रहे, उनमें महिलाएं, बुजुर्ग और यहां तक की बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। लोग अपने साथ ही सभी का समय बर्बाद कर रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई की जगह उन्हें पूजा-पाठ में बैठाया जा रहा है।
यहां भी फैला था अंधविश्वास
इससे कुछ दिन पहले ही छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, बैतूल, बालाघाट, सिवनी, कुरई आदि बड़े शहरों के आसपास भी गांव में इस तरह की पूजा-अर्चना करते लोग देखे गए। इसके पीछे भी पेड़ों को स्पर्श कर अपनी बीमारियां ठीक बना बताया जा रहा है।
प्रशासन करेगा उचित कार्रवाई
जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेश मिश्रा के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास के कारण बड़ी संख्या में लोगों के जमावड़े को देखते हुए प्रशासन भी सतर्क कर दिया है। अधिकारियों को इन गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।