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भ्रष्टाचार के मामले में न्यायालय ने पटवारी को सुनाई सजा, लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था

locationमंडलाPublished: Jul 04, 2019 01:45:58 pm

Submitted by:

amaresh singh

विशेष न्यायाधीश ने अलग-अलग धाराओं में अर्थदंड के साथ सुनाई सजा

Court sentences Patwari to corruption case

भ्रष्टाचार के मामले में न्यायालय ने पटवारी को सुनाई सजा, लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था

मंडला। भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आरोपी पटवारी को अलग-अलग धाराओं में अर्थदंड के साथ ही सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार आशीष कुमार मिश्रा विशेष न्यायाधीश के न्यायालय द्वारा विशेष प्रकरण में आदेश देते हुए ग्राम उमरवाड़ा पटवारी हल्का नंबर 20 तहसील बिछिया में पदस्थ पटवारी सुशीला परस्ते को दोषी पाकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 4 वर्ष का कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदंड, धारा 13(1)(डी) सहपाठी धारा 13(2) मेंं 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया है।

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पांच हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी

जिला अभियोजन अधिकारी अरुण कुमार मिश्रा द्वारा बताया गया कि ग्राम उमरवाड़ा के निवासी चेतराम वलाडी द्वारा रूप सिंह कुशराम निवासी ग्राम उमरवाड़ा से खसरा नंबर 84/2 रकबा 0.22 हेक्टेयर की असिंचित फसली भूमि क्रय कर जिला पंजीयन कार्यालय मंडला में उसकी रजिस्ट्री 23 मई 2016 को कराई गई थी। पंचायत अमरवाड़ा द्वारा 06 जून 2016 को प्रार्थी चेतराम वलाडी के पक्ष में उक्त भूमि का प्रमाणीकरण किए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए जाने के बाद जब प्रार्थी चेतराम वलाडी ने उक्त भूमि के नामांकन के संबंध में पटवारी सुशीला परस्ते से संपर्क किया, तब पटवारी सुशीला परस्ते द्वारा उससे नामांतरण की कार्रवाई के लिए पांच हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी।

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लोकायुक्त को शिकायत
प्रार्थी चेतराम द्वारा 10 अगस्त 2016 को लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में पटवारी सुशीला परस्ते के विरुद्ध रिश्वत मांगने की शिकायत की गई, जिस पर लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर से प्रार्थी चेतराम वलाडी को रिश्वत मांगने की बातचीत टेप करने के लिए उसे डीव्हीआर दिया गया। प्रार्थी चेतराम द्वारा अंजनिया स्थित पटवारी के कार्यालय में 11 अगस्त 2016 को जाकर रिश्वत की बातचीत टेप की गई। मामले में पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय द्वारा पटवारी सुशीला परस्ते को रंगे हाथों पकडऩे के लिए एक छापा दल का गठन किया गया और उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झरवड़े को कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया। 12 अगस्त 2016 को छापा दल ग्राम पंचायत उमरवाड़ा पहुंचा, जहां पटवारी सुशीला परस्ते ने प्रार्थी चेतराम वलाडी को रिश्वत देने के लिए बुलाया था। सुशीला को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ कर राशि उसकी टेबल की दराज से बरामद कर लिया गया। विवेचना के बाद लोकायुक्त द्वारा विशेष न्यायालय मंडला में पटवारी सुशीला परस्ते के विरुद्ध अभियोग पत्र वर्ष 2017 में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में पटवारी सुशीला परस्ते ने अपने बचाव में यह कहा कि 12 अगस्त 2016 को उसके द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ग्राम पंचायत अमरवाड़ा में कृषकों से बीमा की राशि वसूल की जा रही थी और लोकायुक्त संगठन के छापा दल द्वारा कृषकों से वसूली गई बीमा राशि को जप्त कर उसे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है। न्यायालय द्वारा पटवारी सुशीला परस्ते को रिश्वत मांगने और प्राप्त करने के अपराध में दोषी पाया गया है। शासन की ओर से मामले की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी अरुण कुमार मिश्रा द्वारा की गई।

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