मंडला. कर्मचारी संगठनो की हड़ताल से स्वास्थ्य विभाग पर संकट आ गया है। जिले में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प पड़ गई है। 18 दिन से संविदा स्वास्थ्य कर्मियो की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। अब स्वास्थ्य विभाग के नियमित एएनएम, एमपीडब्लू, सुपरवाइजर, बीईई भी अपनी मांगो को लेकर धरने पर बैठ गए है। आशा व सहयोगी ने भी समर्थन किया है। जिससे पूरी तरह से स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं ठप्प हो गई है। अस्पताल में सिर्फ चिकित्सक ही उपलब्ध है। जानकारी के मुताबिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी नियमितीकरण व निष्कासित कर्मचारियो की वापसी की मांग को लेकर 19 फरवरी से अनिष्तिचकालीन हड़ताल पर है। गुरुवार को हड़ताल का 18वां दिन रहा। इससे स्वास्थ्य सेवाएं लंबे समय से प्रभावित है। अब इसके बाद नियमित एएनएम, एमपीडब्लू, सुपरवाइजर, बीईई वेतन विसंगति की मांग को लेकर पिछले दो दिन से हड़ताल पर चल रहे हैं। आशा व सहयोगी भी गुरुवार से हड़ताल पर शामिल हो गई। जिससे जिले में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप्प हो गई है। चिकित्सक की ही अस्पताल में उपलब्धता है। स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियो के हडताल पर चले जाने से उप स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल तक मरीजो को भटकना पड़ रहा है। ओपीडी में सेवाएं नहीं मिल रही है। दवा वितरण ठप्प पड़ गया हैं। टीकाकरण नहीं हो पाया है। इसके साथ संविदा कर्मियो के हडताल पर चले जाने कार्यालयीन कामकाज, ऑनलाइन पोर्टल प्रगति नहीं हो पा रही है। आगामी पोलियो अभियान व महिला स्वास्थ्य षिविर जैसे विभाग के बडे कार्यक्रम प्रभावित हो गये है। राष्ट्रीय कार्यक्रम पोलियो अभियान को देखते हुए शासन स्तर से दबाव बनाया जा रहा है लेकिन कर्मचारी झुकने को तैयार नहीं है। आठ मार्च महिला दिवस से शुरू होने वाले महिला स्वास्थ्य शिविर भी प्रारंभ नहीं हो सके है। अब विभाग के सभी कर्मचारियो के हडताल पर चले जाने की वजह से सारी सेवाएं चौपट हो गई है। बावजूद इसके शासन द्वारा कर्मचारी संगठनो की मांगो की उपेक्षा की जा रही है। कल महिला दिवस पर महिला कर्मचारियों ने शोषण के आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। कल बड़ी संख्या में धरना स्थल पर कर्मचारी मौजूद रहे। संविदा कर्मियो का कहना है कि मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा।
स्वास्थ्य कर्मियों ने शुरू की हड़तालमंडला. न्यू बहुउदïï्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के तत्वावधान में एएनएम, एमपीडब्लू, एमपीएस, एलएचबी, बीइई, एमआई आदि स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। दूसरे दिन भी धरना स्थल पर सैंकड़ों स्वास्थ्य कर्मी बैठे रहे। संघ के जिला अध्यक्ष देवकरण पटेल ने बताया कि वेतन विसंगति एवं अन्य मांगो को लेकर संघ द्वारा ८ मार्च से १५ मार्च २०१६ तक प्रदेश व्यापी हड़ताल की गई थी। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य आयुक्त एवं स्वास्थ्य संचालक द्वारा लिखित पत्र देकर समिति गठिक की गई थी। जिसमें तीन माह के अंदर निराकण की बात की गई थी, लेकिन आज तक प्रमुख मांग वेतन विसंगति का निराकण नहीं हो पाया है। संघ के द्वारा शासन का ध्यानाकर्षण कराने के लिए 5 फरवरी से 11 फरवरी 18 तक प्रदेश स्तर पर क्रमिक भूख हड़ताल की गई थी। इसके बाद 26 फरवरी को प्रांत स्तर पर रैली निकालकर रैली के माध्यम से
शिव पूजा और आराधना मंदिरों के पास डमरू बजाकर शासन का
ध्यान आकर्षण कराने के लिए प्रदर्शन किया गया। इसी क्रम में 27 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री को एवं 28 फरवरी को रैली निकालकर रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री को विधानसभा भवन में ज्ञापन सौंपा। इसके बाद भी शासन, प्रशासन द्वारा हमारी मांगों का निराकरण नहीं किया गया। जिसके चलते संघ के प्रांतीय आव्हान पर अब सभी बहुउददेशीय स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन बुधवार से शुरू कर दिया गया है। जिले के सभी विकासखंडो से लगभग 550 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते गुरुवार को भी ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। संघ अध्यक्ष ने बताया कि हड़ताल से लगभग 301 उप स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लग गया है। इससे ग्रामीण स्वास्थ सेवा पर असर पड़ा है।