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दो बेटियों के लिए जीवन कर दिया समर्पित

locationमंडलाPublished: Jun 21, 2021 05:41:58 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

फादर्स डे: हमारे पापाजी ही हमारे भगवान हैं

Dedicated life for two daughters

Dedicated life for two daughters

मंडला. क्या आपने कभी ईश्वर को देखा है? … हमने देखा है, न केवल देखा है बल्कि उनके साथ जीवन जी रहे हैं…। हम अपने पापाजी की बात कर रहे हैं। हमारे लिए हमारे पापाजी ही साक्षात ईश्वर हैं और हम दोनों बहनें उन्हें बहुत चाहते हैं। यह कहते हुए प्रियंका का गला रुंध गया। प्रियंका सिंह तिलवार पुणे मे मल्टी नेशनल कंपनी में सॉॅफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उनकी छोटी बहन अंकिता भी पुणे में ही एमएनसी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। प्रियंका बताती हैं कि जब वे महज 3 वर्ष की थीं और छुटकी अंकिता डेढ़ वर्ष की, तब उनकी मम्मीजी का स्वर्गवास हो गया। पापा दिलीप सिंह तिलवार ने मानो अपना पूरा जीवन हमारी परवरिश के लिए झोंक दिया। उनके लिए जीवन का सिर्फ दो ही मकसद रह गया था, हम दोनों बहनों की परवरिश और इसके लिए जी तोड़ मेहनत। हमारे पापा ने दोनों ही मकसद को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसी का नतीजा है कि आज हम दोनों बहनें इस मुकाम पर हैं। इसलिए मैने कहा कि वे हमारे भगवान हैं।
अंकिता का कहना है कि पापा दिलीप ने उनकी बेहतर परवरिश के लिए रात दिन काम किया, टेलरिंग करते करते उनकी आंखें भी कमजोर हो गईं और उन्हें चश्मा लग गया। वे अपने पिता के त्याग, संघर्ष और मेहनत से ही प्रेरणा पाती हैं। उनके पापा के जज्बे को देखकर ही उन्हें बहुत हिम्मत मिली और वो मुकाम मिला जहां आज वे दोनों बहने हैं।
अपनी बेटियों के बारे में दिलीप तिलवार बताते हैं कि उन्हीं दोनों में उनकी आत्मा बसती है। 1997 में अपनी धर्मपत्नी को खोने के बाद वे निरंकारी पंथ से जुड़ गए। आज वे जो भी हैं, आज जो भी साहस उनमें है और जो कुछ भी वे अपनी बेटियों के लिए कर पाए हैं, वह इसलिए क्योंकि निरंकारी माता सुदीक्षाजी की उनपर कृपादृष्टि है।

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