विश्व कल्याण के लिए बीच नर्मदा में धर्मदास महाराज ने की कड़ी साधना
11 दिन अन्न जल त्यागकर शरीर पर बोये जवारे, मंगलवार को होगा विसर्जन
मंडला
Published: April 11, 2022 07:13:55 pm
मंगल सिंह
मंडला. चैत्र नवरात्र में आदी शक्ति की उपासना करने वाले भक्तों की कमी नहीं रही। पूरे नौ दिन माता की भक्ति मंदिरा व देवालों में देखने को मिली। भक्त अपने-अपने तरीकों मां का आशीर्वाद प्राप्त किया। किसी ने झुलसा लेने वाली गर्मी में चप्पल त्याग दी तो किसी ने शरीर पर जवारे लगाकर अन्न का त्याग कर दिया। ऐसे ही एक महाराज विश्वकल्याण के लिए नर्मदा नदी के बीच में साधना कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार रामनगर के पास तिलईपानी चौराहा के सगनाही घाट में धर्मदास महाराज शरीर पर ज्वारे स्थापित कर साधना कर रहे हैं। धर्मदास महाराज का आगमन बारिश के पूर्व सगनाही घाट के आश्रम में हुआ था। जहां उन्होंने चौमासा का समय बिताया, इसके बाद नवरात्र में कठिन साधना करने का विचार मन में आया तो श्रद्धालुओं के सहयोग से बीच नर्मदा में साधना शुरू कर दी। नर्मदा नदी के बीच में बने कापू में कुटी बनाकर साधना में लीन हो गए। नवरात्र की बैठकी से ही अन्न-जल और अपनी दैनिक दिनचर्या का त्याग कर शरीर पर जवारे लगाए हैं। इस दौरान न तो वह बैठ रहे है और न ही अपनी जगह से कहीं गए हैं।
धर्मदास कर रहे दूसरी नर्मदा परिक्रमा
धर्मदास महाराज 10 साल की उम्र से ही अध्यात्म से जुड़ गए हैं। दूसरी बार नर्मदा परिक्रमा के दौरान मंडला आगमन हुआ। तिलाईपानी के सगनाही घाट स्थित आश्रम में ठहरे और फिर चैत्र नवरात्र में साधना शुरू कर दी। धर्मदास महाराज नेपाली बाबा के शिष्य हैं। बताया गया कि उनके पिता डीएसपी थे और खास रिश्तेदार योगी सरकार में विधायक भी है। जूना आखड़ा से संबंधित है। शरीर में ज्वारे की स्थाना भी दूसरी बार की है। इसके पहले दमोह के हटा में नवरात्र के दौरान ही इसी तरह की कठिन तपस्या की थी। विश्वकल्याण की भावना के साथ शुरू इनकी साधना देखने दूर दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बताया गया कि महाराज 11 दिन तपस्या करेंगे। मंगलवार को यहां कन्या भोज व भंडारे का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालुओं से कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है।

विश्व कल्याण के लिए बीच नर्मदा में धर्मदास महाराज ने की कड़ी साधना
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