मंडला

दो बसों के सहारे मवई से डिंडोरी का सफर

यात्री वाहनों की कमी के कारण जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण

मंडलाApr 10, 2018 / 09:57 am

shivmangal singh

Dindori’s journey from Maavai to two buses

मवई. ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधाओं की कमी से से स्थानीय लोग काफी परेशान है। आजादी के ७० वर्ष बाद भी जिले के विभिन्न गांवों के लोग बेहतर परिवहन सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। मवई क्षेत्र के विभिन्न रूटों पर बस सेवाओं की कमी के चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी स्कूली छात्र-छात्राओं को उठानी पड़ रही है। यात्री वाहनो की कमी के चलते विद्यार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बसों की कमी व स्कूल व कालेज में समय से पहुंचने की मजबूरी के चलते उन्हें जान जोखिम में डालकर यात्रा के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। हालात यह है कि मुख्य मार्गो पर बस कम संख्या में चलने के कारण विद्यार्थियों को ओवरलोड वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। परीक्षा के समय स्थिति और भी खराब हो जाती है। कई बार छात्रों को बसों की छत व दरवाजों पर लटककर यात्रा करनी पड़ती है जिसके कारण हर समय किसी भी बडी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। वहीं छात्राओं को बस के अंदर भीड़ में खडे होकर यात्रा करनी पड़ती है। मवई से बिछिया मार्ग में कम संख्या में बस चलती है। अन्य यात्री वाहन भी न के बाराबर चलते हैं। बीच रास्ते से बस पकडऩे वाले लोगों को घंटो इंतजार करना पड़ता है। जब तक ग्रामीणों के बस पास पहुंचती है तक ओवरलोड हो चुकी होती है।
मवई से डिंडोरी के लिए महज दो बस
मवई से बिछिया के लिए बसें तो कुछ मुश्किलों के बाद मिल ही जाती है लेकिन मवई से सीधे डिंडोरी, समनापुर, बाजाग जाना हो तो सिर्फ दो बसे ही चलती है। सुबह व दोपहर को चलने वाली बस अगर लोग छुट गई तो उन्हें बिछिया से होते हुए १२० किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। जबकि मवई से सीधे डिंडोरी ८५ किलोमीटर पड़ता है। वहीं इस मार्ग में पडऩे वाले गांव के लोगों को अन्य वाहन भी बमुश्किल मिल रहे हैं। कुछ यात्री वाहन संचालित है जो कि हमेशा ओवरलोड ही दौड़ते हैं।

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