scriptएसडीएम कार्यालय के पास कर रहे गंदगी, मछली के दुर्गंध से हो रहे परेशान | Dirt near the SDM office, troubled by the smell of fish | Patrika News

एसडीएम कार्यालय के पास कर रहे गंदगी, मछली के दुर्गंध से हो रहे परेशान

locationमंडलाPublished: Jul 02, 2022 04:01:01 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

जिम्मेदार विभाग नही दे रहे ध्यान

एसडीएम कार्यालय के पास कर रहे गंदगी, मछली के दुर्गंध से हो रहे परेशान

एसडीएम कार्यालय के पास कर रहे गंदगी, मछली के दुर्गंध से हो रहे परेशान

मंडला. स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग नगर पलिका को कोई स्थान नहीं मिलने के बाद भी नगर में स्वच्छता को लेकर नगर पलिका के द्वारा कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है। यहां के स्वच्छता प्रभारी सिर्फ ऑफिस में बैठकर समय काट रहे हैं। आलम यह है कि शहर के मुख्य बाजार के मार्ग तक में सफाई नहीं है। यहां एसडीएम कार्यालय से डेढ़ सौ मीटर दूरी पर आमजनों और व्यापरियो को दुर्गन्ध का सामना करना पड़ रहा है। बाजार मार्ग पर रोजाना सुबह मछलियां उतारी जा रही हैं। जिनके अवशेष सड़क पर पड़े रहते हैं। यह समस्या कई वर्षों से चली आ रही है लेकिन नगर पलिका के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं बनाई जा रही है। इससे व्यापारियों और आमजनों में रोष है। बताया गया है कि मुख्य बाजार के मार्ग पर मछली से भरे वाहन आते हैं और घंटों खड़े रहते हैं। इन वाहनों से मछली बाजार के लिए मछली उतारी जाती है। इस कारोबार से जुड़े लोग और उनके कर्मी मछली उतारने के दौरान लापरवाही बरतते हैं। मछली के अवशेष सड़क पर छोड़ जाते है। जिसके कारण मछली सड़ने के साथ दुर्गन्ध होती है। जो दिन भर पूरे बाजार में फैली रहती है। मछली बाजार की गली में तो सांस लेना भी मुश्किल होता है। नीय व्यापारी निखलेश रहदवानी, कमल पमनानी, केशव सिहारे एवं नितेश चौरसिया का कहना है कि मछली बाजार से लगे अन्य वस्तुओ की दुकानो में बदबू के कारण ग्राहक खड़ा नहीं हो सकता है। व्यापारी भी पूरा दिन मुंह में कपड़ा बांध कर दुकान संचालित करते है। तीव्र दुर्गन्ध के चलते ग्राहकों को नाक बंद करना पड़ता है। इसी मार्ग पर कचरा अड्डा बना हुआ है। जिससे आज तक नगर पलिका के द्वारा खत्म नहीं किया गया है। नगर की स्वच्छता के लिए करीब चार सैंकड़ा कर्मी की फौज है। इनकी निगरानी के लिए नगर पलिका ने एक अलग कर्मचारी तैनात कर रखा है लेकिन इनके द्वारा नगर स्वच्छता को लेकर कोई काम नहीं किया जा रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान भी लाखों रूपए खर्च कर दिए गए है और सर्वेक्षण में नगर पालिका रैकिंग की उल्टी लिस्ट में भी जगह नहीं मिली है।

थर्माकोल के टुकड़ों से नालियां हो रही जाम

पिकअप वाहन से मछलियां धर्माकोल के डिब्बों में लाई जाती है। मछली उतरने के बाद बाजार पहुंच जाती है और धर्माकोल के टुकड़े यहां वहां बिखर जाते है। थर्माकोल जाकर छोटी सकरी नाली में जाकर फंस जाते है। जिससे गंदे पानी की निकासी नहीं हो पाती है। इस क्षेत्र में कभी सफाई भी नहीं कराई जाती है। आमजनो को कई तरह की परेशानी होती है।

शिकायत के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं

मुख्य बाजार में साफ -सफाई का अभाव है। सबसे अधिक समस्या मछली मार्केट की है। यहां व्यापरियों के द्वारा कई बार इस कारोबार से जुड़े लोगो और बाजार ठेकेदार से कहा गया है लेकिन उनका कहना है कि यह हमारा काम नहीं है। हम सिर्फ वाहनो की वसूली कर सकते हैं। सफाई की जिम्मेदारी नगर पलिका की है। यहां नगर पालिका की व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। स्वच्छता शाखा में नए कर्मचारी आने के बाद प्रभार नहीं दिया जा रहा है। जिससे स्वच्छता शाखा में अब तक किए गए कार्य संदेह के घेरे में है। नगर पालिका परिषद के सफाई कर्मचारियों के द्वारा मुख्य बाजार में देर रात सफाई की जाती है दिनभर का कचरा उठाया जाता है। या फिर सुबह झाडू लगाई जाती है। इसके बाद ही एसडीएम ऑफिस के पास मछली की गाड़ी आती है और गंदगी कर चली जाती है। जिससे दुर्गन्ध फैलती है। व्यापारियो और आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके पहले भी बाजार के व्यापारियो के द्वारा मछलियां उतारने के दौरान गंदगी की शिकायत दर्ज कराई है लेकिन इसका स्थायी निराकरण नहीं किया गया है।

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