script270 किलोमीटर कम हो जाएगी उत्तर भारत से दक्षिण भारत की दूरी | Distance from North India to South India will be reduced by 270 km | Patrika News

270 किलोमीटर कम हो जाएगी उत्तर भारत से दक्षिण भारत की दूरी

locationमंडलाPublished: Oct 22, 2020 12:37:58 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

30 को चिरईडोंगरी मंडला एवं 31 को होगा लामता समनापुर सीआरएस

270 किलोमीटर कम हो जाएगी उत्तर भारत से दक्षिण भारत की दूरी

270 किलोमीटर कम हो जाएगी उत्तर भारत से दक्षिण भारत की दूरी

नैनपुर. गोंदिया से जबलपुर रेल पथ रेलवे विभाग के लिए एक प्रमुख रेल खंड बनकर उभरेगा जो भविष्य में डबल लाइन के साथ दक्षिण पूर्व मध्य रेल खंड का मुख्य मार्ग बन सकता है। यहां से उत्तर भारत से दक्षिण भारत को जोडऩे वाली रेलगाडिय़ों का परिचालन किया जाएगा जिससे उत्तर भारत से दक्षिण भारत की दूरी 273 किलोमीटर कम हो जाएगी। वर्तमान में दक्षिण भारत की ओर जाने वाली गाडिय़ां जबलपुर से इटारसी, नागपुर होकर जाती हैं, वे अगर इस रूट से जांएगी तो दूरी के साथ-साथ समय एवं यात्रियों को रेल किराए में भी बचत होगी। यात्रियों के साथ रेलवे को भी इस रूट का फायदा मिलेगा यही कारण है कि रेलवे विभाग की पहली प्राथमिकता के साथ तीव्र गति से रेल पथ एवं इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य रेलवे तेजी से कर रहा है।


रेल पथ आमान परिवर्तन का कार्य गोंदिया जबलपुर रूट पर लामता से समनापुर के बीच जो पूर्णता की ओर है। कोरोना संकट काल में भी रेल पथ निर्माण कंपनी ने तेजी से कार्य करते हुए लामता से समनापुर के बीच रेल पथ के साथ इलेक्ट्रिक लाइन के तार भी बिछा लिए हैं। इसके पहले नैनपुर से लामता रेलखंड का इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य का रेलवे ऑफ सेफ्टी के द्वारा सीआरएस करके ओके रिपोर्ट भेज दी गई है।
इस रेलखंड के प्रारंभ हो जाने से मंडला बालाघाट जिले के लोगों को अपने क्षेत्र से लंबी दूरी की रेल यात्रा, रेल सेवा उपलब्ध होगी। वे सीधे जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, बेंगलुरु, भोपाल, दिल्ली, इंदौर, रायपुर आदि स्थानों पर जा सकेंगे।


30-31 अक्टूबर को होगा सीआरएस
जानकारी के अनुसार आगामी 30 अक्टूबर को चिरईडोंगरी से मंडला एवं 31 अक्टूबर को लामता से समनापुर गेज परिवर्तन इलेक्ट्रिक लाइन रेल पथ का सीआरएस रेलवे सेफ्टी कमिश्नर एके राय द्वारा किया जाएगा। सीआरएस की रिपोर्ट सही रही तो प्रारंभ में इस रूट लोडेड माल गाडिय़ों का परिचालन किया जाएगा। सब कुछ ठीक रहा और कोरोना संकट की रफ्तार कम हुई तो इस रेल रूट को 25 दिसंबर तक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा इस रेलखंड का लोकार्पण कर देश को समर्पित किया जा सकता है।


मेल एक्सप्रेस ट्रेनो के संचालन की मांग
आमान परिवर्तन के बाद जैसे ही इस रेल रूट का लोकार्पण होगा इस रेल रूट पर सतपुड़ा रेल विकास समिति नैनपुर के सचिव प्रेम आसवानी द्वारा रेल मंत्री पीयूष गोयल से इस रेल रूट पर मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के परिचालन की मांग की गई।
इस रूट पर उत्तर भारत से दक्षिण भारत की ओर जाने वाली गाडिय़ां गंगा कावेरी एक्सप्रेस, संघमित्रा एक्सप्रेस, दानापुर सिकंदराबाद एक्सप्रेस, बागमती एक्सप्रेस, पटना एर्नाकुलम एक्सप्रेस को चलाया जा सकता है। जिससे उत्तर भारत से दक्षिण भारत की दूरी 270 किलोमीटर कम हो जाएगी। सतपुड़ा रेल विकास समिति नैनपुर द्वारा कुछ ट्रेनों के रूट विस्तार एवं कुछ ट्रेनों के रूट बदलने की मांग रेल मंत्री से की गई है। उनमें से जबलपुर अमरावती एक्सप्रेस को वाया-नैनपुर-बालाघाट-गोंदिया होकर चलाया जाए। गोंदिया बरौनी एक्सप्रेस को वाया-नैनपुर-जबलपुर एवं दुर्ग, अमरकंटक एक्सप्रेस को वाया-गोंदिया-बालाघाट होकर इंदौर तक चलाने की मांग की गई है। हजरत निजामुद्दीन जबलपुर गोंडवाना एक्सप्रेस को नैनपुर-गोंदिया होकर इतवारी-नागपूर तक रूट विस्तार एवं जबलपुर-इंदौर ओवरनाइट एक्सप्रेस का रूट विस्तार करके गोंदिया तक चलाने की मांग की गई है। इसके साथ ही जबलपुर निजामुद्दीन महाकौशल एक्सप्रेस एवं जबलपुर अमरावती एक्सप्रेस को मर्ज करके एक नंबर के साथ नागपुर तक एवं जबलपुर यशवंतपुर एक्सप्रेस एवं जबलपुर कटरा माता वैष्णो देवी एक्सप्रेस दोनों साप्ताहिक ट्रेनों को मर्ज करके एक नंबर के साथ ही यशवंतपुर से कटरा के बीच यशवंतपुर कटरा एक्सप्रेस बनाकर चलाने की मांग रेल मंत्री से की गई है।

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