मंडलाPublished: Dec 03, 2019 10:49:52 am
Mangal Singh Thakur
भीगते कपड़े में पार करना पड़ा नदी
काम नहीं आया जनपद सीईओ का आश्वासन
मंडला. भविष्य बनाना है तो पढ़ाई जरूरी है इसके लिए रास्ते में मुश्किलें ही क्यों ना आएं। यह कहना उन बच्चों का है जो शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली से त्रस्त हो गए हैं। कभी जनप्रतिनिधि तो कभी अधिकारी पढ़ाई में आने वाली सबसे रूकावट मटियारी नदी पार करने की दूर करने का आश्वासन देते हैं। चाहे वह पुल निर्माण के लिए हो या नदी पार करने के लिए नाव की व्यवस्था। सोमवार को भी तलैया टोला के बच्चों की नाराजगी साफ दिखाई दी। कमर-कमर भर पानी से बच्चे भीगते हुए नदी पार किए और स्कूल पहुंचे। बच्चों को पता है कि ठंड के मौसम में भीगे कपड़ों के साथ पढ़ाई करना उनके स्वास्थ्य पर भी बूरा असर डाल सकता है। लेकिन क्या करें पढ़ाई के लिए यह जोखिम उठाने को भी बच्चे तैयार दिखे। जानकारी के अनुसार हिरदेनगर के पोषक ग्राम तलैया टोला के दो दर्जन से अधिक बच्चे माध्यमिक शाला से हायर सेकंडरी स्कूलकी पढ़ाई के लिए हिरदेनगर पहुंचते हैं। बीच में मटियारी नदी है जिसमें वर्तमान में पानी अधिक होने के कारण नदी पार करना जोखिम भरा है। इसके लिए बच्चों ने धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन अधिकारियों से महज आश्वासन ही मिला। जनपद पंचायत सीईओ मनीष बागरी ने नाव व ट्रेक्टर की व्यवस्था करने का आश्वास दिया था। इसीके इंतजार में बच्चे शुक्रवार और शनिवार को स्कूल नहीं जा सके। सोमवार को भी काफी इंतजार के बाद नाव या ट्रेक्टर नहीं आया तो बच्चों ने वैसे ही नदी पार करने लगे। कुछ बच्चे कपड़े उतार लिए तो कुछ बच्चे को भीगते हुए नदी पार करना पड़ा। कुछ पालकों ने भी बच्चों की समस्या को देखते हुए गोदी में रखकर नदी पार कराया।
जानकारी के अनुसार हिरदेनगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम तलैया टोला में बदहाल सड़क से लोग परेशान है। जहां से बच्चे स्कूल पढऩे के लिए जाते हैं वहां मटियारी नदी पड़ती है। कुछ ही दूर में मटियारी नदी और बंजर नदी का संगम स्थल है। बंजर नदी में वर्तमान में टिकरवारा से हिरदेनगर के लिए अस्थाई पुल का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें लकड़ी ड्रम के उपयोग के स्थान पर मुरर्म डालकर मार्ग का निर्माण से बंजर नदी के पानी की निकासी बाधित हुई। मार्ग में पर्याप्त पुलिया ना देने के कारण पानी जमा होकर ऊपरी क्षेत्र में जलभराव का कारण बन रहा है। मटियारी नदी से पूर्व में लोग पैदल ही नदी पा कर लेते थे लेकिन पानी बढ़ जाने से अब नदी की गहराई बढ़ गई है।
वर्तमान में नदी का पानी इतना अधिक है कि बच्चों के लिए पैदल पार करना जोखिम भरा है। कुछ दिन बच्चे डोंगी के सहारे नदी पार करने का प्रयास किया लेकिन गीले होने के कारण वापस घर लौटना पड़ा। उक्त समस्या को दूर करने के लिए बच्चों ने पुल न बनने तक नाव की मांग की थी। अधिकारियों ने नाव के स्थान पर डोंगी व ट्रेक्टर ट्राली उपलब्ध कराने की बात कही थी। लेकिन सोमवार को कोई व्यवस्था मौके पर नहीं दिखाई दी। नदी तक पहुंचने वाली सड़क सुधारने के लिए भी आश्वासन दिया गया था लेकिन वहां भी यही हाल है।