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कोरोना नियंत्रण में प्रदेश में छटवें पायदान पर पहुंचा जिला

locationमंडलाPublished: Sep 22, 2020 09:40:30 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

436 केसों में 336 रिकवर्ड, एक्टिव केस 94

District reached sixth place in the state under Corona control

District reached sixth place in the state under Corona control

मंडला जिले के कोविड केयर सेंटर्स में एक के बाद एक उजागर होती खामियों पर तत्काल नियंत्रण करने और लगातार सख्त मॉनिटरिंग किए जाने का सुखद नतीजा सामने आया है। पूरे प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में आदिवासी बहुल्य मंडला जिला छटवें पायदान पर पहुंच गया है। यहां अब तक कुल 436 कोरोना संक्रमित केस सामने आए, जिनमें से अब तक 336 केस रिकवर्ड होकर अपने घर स्वस्थ होकर लौट चुके हैं। इतने कम समय में इतनी तेजी से रिकवर्ड होने वाले मरीजों में पूरे प्रदेश में सिर्फ पांच जिले मंडला जिले से आगे हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए सीएमएचओ डॉ श्रीनाथ सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में टोटल एक्टिव केसों की संख्या को अगर आधार माना जाए तो प्रदेश के 52 जिलों में मंडला तृतीय सर्वश्रेष्ठ नियंत्रण वाला जिला है। मात्र 2 जिलों में हमसे कम संख्या में एक्टिव केसेस हैं। शेष 49 जिलों में हमसे ज्यादा कोरोना के एक्टिव केसेस हैं।
दूसरी ओर टोटल करोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों को अगर आधार लिया जाए तो कोरोना नियंत्रण में प्रदेश के 52 जिलों में छठवें सर्वोत्तम स्थान पर मंडला है। मात्र 5 जिलों ने ही हमसे ज्यादा अच्छा कोरोना नियंत्रण किया है एवं शेष 46 जिलों से ज्यादा अच्छा कोरोना नियंत्रण मंडला जिले ने किया है जबकि यहां सीमित संसाधन हैं।
काम आई सख्त मॉनिटरिंग
हाल ही में जिले के कोविड केयर सेंटर्स में कई अव्यवस्थाओं की शिकायतें जिला प्रशासन तक पहुंची। अव्यवस्थाओं पर नियंत्रण रखने के लिए प्रशासन ने यहां मॉनिटरिंग सख्त कर दी। पछले कई हफ्तों से चटुआमार-सेमरखापा स्थित कोरोना केयर सेन्टरों में निर्धारित मीनू के अनुसार मरीजों को भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था। इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिला पंचायत सीईओ तन्वी हुड्डा को भी दायित्व सौंपा गया। कोरोना केयर सेन्टरों में निर्धारित मीनू के अनुसार भोजन के अलावा अलग से अंकुरित अनाज, मुरी आदि परोसा गया। इसके लिए सीएमएचओ सिंह को जिला पंचायत सीईओ से समन्वय कर नया मीनू चार्ट तैयार कराया गया। क्वारंटीन सेंटर चटुआमार, सेमरखापा तथा एएनएम सेंटर में आयुष विभाग एवं स्व-सहायता समूह द्वारा बनाए गए काढ़े के पैकेट वितरित कराए। इसके लिए डीपीएम एनआरएलएम को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से भी तुलसी पत्ती एवं काढ़े के मिश्रण पैकेट तैयार कराकर वितरित कराए गए। सेंटर में भोजन व्यवस्था ठीक करने के लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को सीएमएचओ के साथ समन्वय कर आवश्यक व्यवस्था बनाने की चेतावनी दी।
* घर बसाने से ज्यादा मरीजों की सेवा करना समझा जरूरी
विवाह जीवन का एक महत्वपूर्ण संस्कार है। इस संस्कार को पूरा कर व्यक्ति गृहस्थ जीवन में प्रवेश करता है। प्रत्येक व्यक्ति अपना घर बसाकर अपने पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन को आगे बढ़ाना चाहता है। ज्योति चौरिया की कहानी ेकुछ अलग है। ज्योति पेशे से नर्स हैं जो जिला चिकित्सालय में अपनी सेवाऐं दे रही है। ज्योति ने अपना घर बसाने से ज्यादा मरीजों की सेवा करना जरूरी समझा। संक्रमित वार्ड में डर के बीच घंटो ड्यूटी करते हुए मरीजों की देखरेख करना उन्होंने लक्ष्य बना रखा है।
बिना अवकाश कर रहे ड्यूटी
डॉ विजय पैगवार बिना अवकाश के लगातार चार माह से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पॉजिटिव के सम्पर्क में आये ग्राम रेंडम, बिशनपुरा, चिखली के व्यक्तियों की जांच कर व्यक्तियों को चिन्हित कर तुरन्त उन्हें आइसोलेट करने से लेकर कोरोना जांच तथा परिणाम आने तक सक्रिय भूमिका निभाई गई। शुरूआत में कोरोना संक्रमण की आधी-अधूरी जानकारी के साथ ही उपकरण व प्रशिक्षण के अभाव में कार्य करना काफी चुनौती पूर्ण रहा। निरन्तर सुरक्षा का ध्यान रखते हुए डॉक्टर्स के साथ-साथ समस्त स्टाफ ने दिन-रात कोरोना संक्रमण से निपटने में लगे रहे। डॉ विजय पैगवार ने निरन्तर चेक पोस्ट का निरीक्षण भी किया। संदिग्धों की जांच और उपचार में तत्परता दिखाई।
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