मंडलाPublished: Mar 03, 2021 09:54:48 pm
Mangal Singh Thakur
महंगाई से नहीं मिली राहत, झलका आक्रोश
Districts disappointed with state budget
मंडला. मंगलवार को पूरे प्रदेश की जनता की तरह आदिवासी बहुल्य जिले की जनता को भी इंतजार था कि प्रदेश बजट 2021 पेश हो रहा है। हो न हो इस बजट में कुछ तो ऐसा होगा जिससे जनता का राहत महसूस होगी लेकिन जैसे जैसे बजट में की गई व्यवस्थाओं का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया, लोगों का आक्रोश बढ़ता गया और अंतत: अधिकांश लोगों ने बजट पर नाराजगी जताई। इनमें व्यापारी भी शामिल रहे, गृहणियां भी, नौकरी पेशा और युवा भी। सभी को एक बात पर सबसे अधिक निराशा मिली कि आसमान छूती महंगाई और तेजी से बढ़ रहे पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश के बजट में कोई व्यवस्था नहीं की गई। बेकाबू हो रहे रसोई गैस की कीमतों को रोकने के लिए भी बजट में कोई उम्मीद नहीं दिखी इसकारण गृहणियों ने बहुत नाराजगी जताई।
मध्य प्रदेश विधानसभा में वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। अन्य घोषणाओं के अलावा मंत्री ने कहा कि इस बजट में कोई नया कर नहीं लगा है और जो कर लगा है उसमें कोई बढ़ोतरी नहीं कर रहे हैं। इन घोषणाओं से जिलेवासियों की निराशा पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
जबकि बजट में स्कूल शिक्षा योजनाओं का बजट ज्ञानोदय स्कूलों को सीबीएसई में अपग्रेड किया गया है। घोषणा की गई है कि सीएम साइज के तहत् 9200 स्कूलों को सर्व सुविधायुक्त बनाया जायेगा। 9वीं से 12वीं तक के स्कूली बच्चों के लिए वाहन की सुविधा दी जाएगी। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 24200 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसका लाभ कहीं न कहीं जिलेवासियों को भी मिलेगा लेकिन जनता ने इस मरहम को नजरअंदाज कर दिया।
बिछिया विधायक ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
बिछिया विधानसभा के विधायक नारायण सिंह पट्टा ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि मप्र सरकार का यह बजट आम जनता के बिगड़े बजट पर सरकारी घाव जैसा है। इस बजट के माध्यम से भाजपा सरकार ने आम जनता को यह समझाने का प्रयास किया है कि सरकार के भरोसे मत रहो अपना खुद देखो। इस बजट में पेट्रोल डीजल रसोई गैस की लगातार बढ़ रही कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए हैं जबकि मप्र एकमात्र ऐसा राज्य है जो पेट्रोल डीजल में वैट के माध्यम से सबसे ज्यादा कर आम जनता से वसूलता है। इस बजट में युवाओं के रोजगार के लिए कोई नए विकल्प नहीं हैं। मंडला जिले की हालोन पेयजल परियोजना जिससे 400 से अधिक गांवों को पेयजलापूर्ति होनी थी उसके लिए बजट में कुछ नही है। घुघरी एवं मवई में नवीन शासकीय आईटीआई खोलने का कोई जिक्र नहीं है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र मवई में सड़कों व पुलों का निर्माण कराने का कोई प्रावधान नहीं है। आम जनता को कोई राहत नहीं दी गई है सरकार ने अपनी पुरानी बंद योजनाओं को चालू करने के अलावा और कुछ नहीं किया है। यह प्रदेश को आगे ले जाना वाला नहीं पीछे ढकेलने वाला बजट है। विधायक ने कहा कि हमने इसे लेकर विधानसभा में बजट की विभिन्न अनुदान मांगो पर कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत किया है ताकि विकास के जो आवश्यक कार्य सरकार बजट में शामिल करना भूल गई है उन्हें शामिल किया जा सके।