परिषद के कामकाम को लेकर लोगों में पनप रहा आक्रोश
मंडला
Published: July 24, 2022 04:50:10 pm
मंडला. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद अब नगरपालिका परिषद चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। कई वार्डों में जहां पार्षद के चुनाव के लिए उम्मीदवारों ने जन संपर्क शुरू कर दिया है। वहीं नगरपालिका अध्यक्ष के लिए भी कई नाम अभी से सामने आने लगे हैं, हालांकि अध्यक्ष के लिए मतदान नहीं होंगे पार्षद ही अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। शासन स्तर पर अब तक नगरपालिका चुनावों को लेकर कोई सूचना सामने नहीं आई हैं। कई वार्डों के लोगों उनकी राय जानने पर यह बात निकलकर आई है कि वर्तमान मंडला नगरपालिका परिषद के जनप्रतिनिधियों के प्रति वार्डवासियों में आक्रोश दिखाई दे रहा है। रानी दुर्गावती वार्ड के निवासी आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि वार्ड कई स्थानों में अस्थायी रूप से कचरा घर बना दिए गए हैं, नपा यहां कचरा फेंकने पर जुर्माना लगाने की बात दीवारों में लिखी तो है लेकिन न तो सड़क में लोगों का कचरा फेकना बंद हुआ है और न ही नपा के जवाबदारों ने गंदगी फैलाने वालों को रोकने-टोकने के साथ उन पर जुर्माना की कार्यवाही की है। इसी तरह महाराजपुर के हनुमान जी वार्ड के वार्डवासियों ने बताया कि संगम मार्ग पर नर्मदा तट स्थित मड़ई भाटा में पक्का घाट निर्माण की मांग पिछले कई सालों से की जा रही है हर बार वार्ड पार्षद से लेकर नगरपालिका अध्यक्ष के उम्मीदवार तक यहां पक्के घाट निर्माण कराने का आश्वासन देते रहे हैं लेकिन आज तक यहां पक्का घाट का निर्माण नहीं कराया गया है। हनुमानजी वार्ड के कुछ निवासियों ने बताया कि पिछले कुछ सालों में संगम में जो मड़ई मेला का आयोजन किया जाता है वह मड़ई कई सालों पहले संगम मार्ग पर इसी मड़ई भाटा में आयोजित की जाती थी। आज भी बड़ी संख्या में इसी मड़ई भाटा में नर्मदा तट में लोग स्नान, पूजन-अर्चन के लिए पहुंचते हैं लेकिन यहां पक्का घाट नहीं होने से नर्मदा स्नान, पूजन, दर्शनों के लिए पहुंचे दर्शनार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी तरह उदय चौक के पास रानी दुर्गावती वार्ड के निवासी कमलेश बरमैया ने बताया कि वार्ड में वार्ड में आवारा कुत्तों, बंदरों का बहुत ज्यादा आतंक है, आए दिन कुत्तों के झुण्ड सड़क से निकलने वाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। इसी के साथ बंदर छतों से होकर लोगों के कमरों में घुसकर खाने-पीने का सामान चट कर जाते है और रोकने पर कई बार ये बंदर लोगों को काटने में भी पीछे नहीं हैं। मंडला शहर में बढ़ती जन संख्या के चलते लगातार यहां आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को नगरपालिका में शामिल करने की मांग उठती रही है इस मार्ग पर शासन द्वारा शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वे कराया गया, परिसीमन भी हो गया यहां तक शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर वार्डों के नाम तक रख दिए गए लेकिन अब तक यह परिसीमन की प्रक्रिया को लागू नहीं किया गया है। अब चूंकि जिले में पंचायतों के चुनाव भी हो चुके हैं ऐसे में अब परिसीमन को नगरपालिका चुनाव में शामिल करके चुनाव कराने की संभावना भी समाप्त हो चुकी है।
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