scriptयहां मवेशियों की प्यास बुझाने दो परिवार की हर दिन लगती है ड्यूटी | Due to the hunger of cattle, it takes two days of family duty | Patrika News

यहां मवेशियों की प्यास बुझाने दो परिवार की हर दिन लगती है ड्यूटी

locationमंडलाPublished: May 04, 2019 11:40:34 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

सूख गए हैंडपंप व कुएं, गहराया जल संकट,

Due to the hunger of cattle, it takes two days of family duty

यहां मवेशियों की प्यास बुझाने दो परिवार की हर दिन लगती है ड्यूटी

नारायणगंज. क्षेत्र के चांदली में जल संकट गहराने लगा है। तेज गर्मी से कुंए, बावड़ी और तालाब सहित अधिकांश जल स्रोत सूख गए हैं। जहां हैंडपंप हवा उगलने लगे हैं वहीं कुएं में भी पानी का रिसाव बंद हो गया है। इन सब के बीच ग्रामीणों को पानी के लिए घंटो मशक्कत करनी पड़ रही है। लंबी दूरी के साथ ही उबाड़ खबाड़ रास्ते होकर पानी लाना पड़ रहा है। ऐसा ही मामला नारायणगंज मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत घोंटखेड़ा की पोषक ग्राम चाटी में देखने को मिल रहा है। यहां लोग एक-एक बाल्टी पानी के जुगाड़ में भटकते देखे जा रहे हैं। इस गांव की जनसंख्या लगभग 800 है। कहने को यहां 7 नल पूरे गांव में लगे हुए हैं लेकिन वर्तमान में सब पानी की जगह हवा ही उगलते नजर आ रहे हैं। भीषण गर्मी के कारण कुछ माह पहले ही गांव के 9 कुएं सूख चुके हैं। गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर एक मात्र कुएं के भरोसे गांव के नागरिक व मवेशियों की प्यास बुझ रही है। ग्रामीण शिवकुमार तेकाम, राजकुमार उईके, झाम सिंह तेकाम, रामप्रसाद आर्मो, चैन सिंह वरकड़े आदि ने बताया कि गांव के लोगों को पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। नल और कुएं के सूखने के बाद गांव के हालत और ज्यादा खराब हो गए हैं। सुबह 4 बजे से उठकर लोग एक किलोमीटर दूर कुएं में लगभग 15 फीट नीचे से पानी खींच कर निकालते हैं। बूढ़े, बच्चे सभी पानी के लिए इसी कुएं में पहुंचते हैं। अन्य कुएं व हैंडपंप खराब हो जाने से आमजन के साथ-साथ पालतू पशुओं के लिए पानी की भारी समस्या बनती जा रही है।
मवेशियों की पानी की समस्या से निपटने के लिए ग्रामीणों ने एक हल निकाला है। गांव से प्रत्येक दिन दो परिवार के लोगों की पारी कुआं में बने टंकी में पशुओं के लिए पानी भरने के लिए लगाई जा रही। बताया गया कुएं के आसपास बनी टंकी से भी पानी का रिसाव होता है। जिसके कारण ज्यादा देर पानी नहीं रूक पाता है। पानी रोकने के लिए टंकी में प्लास्टिक बिछाया गया है ताकि पानी अधिक समय तक मवेशियों के लिए उपलब्ध हो सके। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बाहर एक किलोमीटर दूर होने के कारण कुआं तक विद्युत व्यवस्था की उपलब्धता नहीं है। जिससे कि टीसी कनेक्शन आदि करा कर मोटर पंप के माध्यम से पानी गांव तक पहुंचाया जा सके। दूरी के कारण आर्थिक व्यवस्थाओं की कमी के चलते विधुततार पाईप आदी कनेक्शन के लिए व्यवस्था ग्रामीण जन नहीं कर पा रहे हैं। जिस कारण इतनी दूर से पानी सिर पर उठा कर ही पानी ढोना पड़ता है। वैवाहिक या अन्य सामाजिक कार्यक्रमों की दौरान पानी की बड़ी समस्या लोगों के सामने खड़ी हो जाती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील कि है कि शीघ्र पानी की व्यवस्था करते हुए टैंकर की व्यवस्था मुहैया कराई जाए। जल्द ही पानी की समस्या दूर ना होने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी गई है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो