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टैक्स से मिली छूट, मिट्टी के दीपक बेचने वालों के चेहरे खिले

locationमंडलाPublished: Oct 19, 2019 08:24:00 pm

Submitted by:

Sawan Singh Thakur

अब न नपा ले पाएगी शुल्क, और न ही पंचायत, स्वदेशी वस्तुओं को प्रोत्साहित करने, प्रशासन की नई पहल

टैक्स से मिली छूट, मिट्टी के दीपक बेचने वालों के चेहरे खिले

टैक्स से मिली छूट, मिट्टी के दीपक बेचने वालों के चेहरे खिले

मंडला। दीपावलीपर्व पर रोशनी का बिजनेस रोशन हो गया है। बाजार में जहां नागरिक मोमबत्ती, रंगीन मोम के दीपक आदि खरीद रहे हैं ऐसे में स्वदेशी उत्पादों की मार्केट में पहले की अपेक्षा 50 से 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सोशल मीडिया और लोगों में आई चाइनीज सामान ना खरीदने की जागरूकता इस बार कुम्हार समुदाय के लिए संजीवनी बनकर आई है। इसके साथ ही कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया ने भी कुम्हार समुदाय के लिए पहल करते हुए बाजारों में निशुल्क स्थान देने के आदेश दिए है। आदेश में कहा गया है कि दीपावली पर्व के अवसर पर जिले के ग्रामीण एवं दूरदराज अंचलों से मिट्टी के दीपक तैयार कर विक्रय हेतु बाजारों में लाये जाते हैं। जिले के सभी नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों को दूरदराज आने वाले कुम्हारों से बाजारों में नगरपालिका, नगरपंचायत अथवा ग्राम पंचायतों द्वारा किसी भी प्रकार के बाजार शुल्क नहीं लिया जायेगा। कलेक्टर ने समस्त एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा नगरपालिका एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को दीपावली पर मिट्टी के दीपकों का अधिक से अधिक उपयोग करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि बीते एक दो सालों में दीपावली पर जहां लोग दिखावे के लिए थोड़े बहुत दीपक खरीद रहे थे। वहीं इस बार यह आंकड़ा 50 से 60 प्रतिशत के पार जा पहुंचा है। मिट्टी के दीपक बनाने वालों का कहना है कि पहले जहां लोग कुछ ही मिट्टी के दीये खरीदते थे वहीं इस बार लोग बाजारों में दीपकों अन्य मिट्टी के सामान की खूब खरीददारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस साल पिछले वर्ष की अपेक्षा अब तक काफी खरीददारी हो रही है। उन्होंने अनुमान जताया कि इस दीपावली पर शहरवासी चाइनीज सामान को छोडकऱ मिट्टी के दीपकों से घरों प्रतिष्ठानों को रोशन कर पारंपरिक रूप से पर्व मनाएंगे।
गौरतलब है कि इस बार दिवाली सीजन में स्टॉल लगाकर और घर घर जाकर मिट्टी के दीये बेचने वाले दुकानदारों और फेरी वालों के चेहरे पर खुशी देखने को मिली। लोगों मे स्वदेशी सामान प्रयोग के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। बाजार में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। इससे चाइनीज सामान बेचने वाले हाथ पर हाथ धरे बैठे है वहीं मेहनत कर मिट्टी को विभिन्न स्वरूप देने वाले खुश नजर रहे हैं।
मिट्टीके दीयों मिट्टी से बने सामान की बढ़ी डिमांड
इस बारे में सब्जी मंडी के पास मिट्टी के दीये बेचने वाले दुकानदारों से पूछा गया तो उन्होंने इस बार की दिवाली पर बिक्री बढऩे की बात कही। उन्होंने बताया कि पिछली दिवाली पर तो जब वे घरों में दीये बेचने जाते थे तब भी बहुत कम बिक्री होती थी लेकिन इस बार तो लोग उनकी दुकान पर आकर दीयों के साथ साथ अन्य मिट्टी का सामान भी खरीद रहे हैं। इसके साथ ही कलेक्टर के आदेश के बाद बाजार शुल्क में छूट मिलने से इस बार हम भी दावाली अच्छे से मना सकेंगे।

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