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राष्ट्रीय कृषि उदय मेले मे लगाई गई प्रदर्शनी

locationमंडलाPublished: Oct 15, 2019 07:14:32 pm

Submitted by:

Sawan Singh Thakur

कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी

राष्ट्रीय कृषि उदय मेले मे लगाई गई प्रदर्शनी

राष्ट्रीय कृषि उदय मेले मे लगाई गई प्रदर्शनी

मंडला। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के द्वारा विश्वविद्यालय के क्रीड्रांगन परिसर में राष्ट्रीय कृषि उदय मेला 14 से 16 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। जिसमें मध्यप्रदेश सहित राष्ट्र के अन्य राज्यों से भी वैज्ञानिक एवं किसान पहुँच रहे हैं। मेले में कृषि एवं पशुपालन सम्बंधित उच्च एवं नवीन तकनीकी एवं कृषि उत्पादों के 100 से भी ज्यादा कृषि प्रदर्शनी स्टाल लगाए गए हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रदीप कुमार बिसेन एवं संचालक विस्तार सेवाएं डॉ ओम गुप्ता के निर्देशन में कृषि विज्ञान केंद्र मंडला का प्रदर्शनी स्टाल केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ विशाल मेश्राम के मार्गदर्शन में लगाया गया है। जिसमें 3 फीट लम्बाई की जैविक बरबटी, जैविक किमाच, सेमी, चिचिंडा, लौकी, अरबी आदि का प्रदर्शन किया गया। केंद्र के प्रमुख डॉ विशाल मेश्राम तथा वैज्ञानिक डॉ आरपी अहिरवार एवं डॉ प्रणय भारती ने मंडला स्टाल की विशेषताओं के बारे में बताते हुए कहा कि आदिवासी जिले में जहॉ 68.67 प्रतिशत आदिवासी जनसंख्या है जो प्राकृतिक जैविक संसाधनों से परिपूर्ण है, तथा यहॉ की देशी सब्जियां जो कि स्थानीय लोगो द्वारा पुरातन काल से उनके पौष्टिक, औषद्यीय गुणों के कारण उपयोग में लाते है उन्हे ही राष्ट्रीय कृषि उदय मेले में विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों को रूबरू करवाने के लिए किसानों से संग्रहित करके प्रदर्शन के लिए लाया गया है। जिनमें प्रमुख रूप से कुटेला-कृषक जगत राम मरावी, ग्राम- कोटा संागवा, मंडला, कुटेला गर्म तासीर का होता है, जिसे शीत की समस्या है, गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है। खाने योग्य किमाच- यह मुख्य रूप से पुरूषों में नपुंसंकता की समस्या को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। देशी सेमी- यह अन्य सेमी की तुलना में काफी बड़े आकार की होती है जिसे काटकर उबालकर खाया जाता है। देशी कुंदख- यह पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायक है। देशी चचेड़ा/चिचिंडा – यह भी पाचन शक्ति को बढ़ाने मे सहायक है। देशी जैविक तुम्बा लौकी- पाचन के लिए गर्मियों में शरीर को ढंडा रखती है 92 प्रतिशत पानी होता है। जैविक कुम्हड़ा-हृदय के स्वास्थ्य के लिए एवं पोटेशियम, विटामिन सी एवं अधिक मात्रा में रेसा प्रप्त होता है। जैविक सूरन- मधुमेय रोगियों के लिए महिलाओं के उत्तम स्वास्थ्य के लिए पाचन। जैविक अरबी – अधिक मात्रा में विटामिन ए एवं फाइबर प्राप्त होता है, ब्लड सुगर एवं केंसर रोकने का गुण पाया जाता है। मंडला आर्गनिक उत्पाद – यह किसानों के द्वारा बनायी गयी उत्पादक समिति द्वारा भारत सरकार के पीजीएसवाय ग्रुप जिन्हे जैविक प्रमाणीकरण संस्था द्वारा ग्रीन लोगो प्राप्त है जिनके उत्पादको बोर्ड ऑफ डारेक्टर जो कि हर विकास खंड में है, मिड इंडिया सेलर द्वारा इन प्रोडक्ट की मार्केटिंग की जा रही है। कान्हा वनोपज प्रोड्यूस – यह भी किसानों विशेषकर किसान दीदीयों द्वारा आजीविका समूह द्वारा तैयार किसान उत्पादक समिति है तथा अभी हाल ही में इस फेडरेशन की अध्यक्षा लक्ष्मी भांवरे दीदी को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय उद्योग सखी अवार्ड से पुस्स्कृत किया गया है। उक्त मेले में संयुक्त संचालक कृषि केएस नेताम एवं केंद्र के प्रमुख डॉ. विशाल मेश्राम तथा वैज्ञानिक डॉ आरपी अहिरवार एवं डॉ प्रणय भारती, जिले के कृषि विभाग एवं आत्मा विभाग के सहयोग से जिले से भारी संख्यां में किसान राष्ट्रीय कृषि उदय मेले में पहुँच रहे है एवं कृषि तथा पशुपालन सम्बंधित उच्च नवीन तकनीकियों के संबंध में जानकारी ले रहे है।

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