मंडलाPublished: Nov 16, 2021 11:12:45 am
Mangal Singh Thakur
विभाग को अब तक नहीं मिला सस्ती रेत दिलाने का आदेश
Expensive sand became a hindrance in PM housing construction
मंडला. पीएम आवास तो स्वीकृ़त हो गया साब, लेकिन काम अधूरे में रुका हुआ है। रेत की एक ट्रॉली के लिए कभी 5 हजार रुपए मांगते हैं तो कभी 6हजार। इतनी महंगी रेत होगी तो काम कैसे पूरा होगा। कई महीने से काम रुका पड़ा है। यह कहना है पीएम आवास हितग्राही गिरिजाबाई का। महंगी रेत का रोना रोते यह सिर्फ एक हितग्राही की ही समस्या नहीं है। जिले भर में अधिकतर पीएम आवास के काम इसीलिए रुक गए हैं कि जिले में रेत के लिए मनमानी वसूली की जा रही है। एक ट्रैक्टर रेत की कीमत खदान संचालकों द्वारा 5 हजार तो कहीं 6 हजार निर्धारित की गई है। इतनी महंगी रेत होने के कारण पीएम आवास हितग्राहियों का पूरा बजट गड़बड़ा गया है।
गौरतलब है कि हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि पीएम आवास हितग्राहियों को रेत सस्ती दर पर उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन सीएम की घोषणा के संबंध में किसी भी तरह का क्रियांवयन इस आदिवासी बहुल्य जिले में अब तक नहीं हुआ है और आम नागरिकों की तरह पीएम आवास के हितग्राहियों को भी रेत उसी मनमाने दाम पर मिल रही है यानि 5-6 हजार रुपए प्रति ट्रॉली।
लक्ष्य मिला 7989 का
प्रधानमंत्री आवास योजना के जिला समन्वयक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2021-22 के लिए जिले भर में कुल 7 हजार 989 आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया है। जिले में अब तक 7 हजार 277 हितग्राहियों के आवेदनों को स्वीकृति दी जा चुकी है और इसमें से 2 हजार 17 हितग्राहियों को पीएम आवास की प्रथम किस्त भी जारी की जा चुकी है। अब उक्त आवेदक नींव के स्तर तक निर्माण कार्य कराएंगे। उक्त निर्माण कार्य का जीयो टैग कराया जाएगा और उसकी पोर्टल में एंट्री की जाएगी। इसके बाद ही आवास के हितग्राही को दूसरी किस्त जारी की जाएगी।
आधे भी नींव स्तर तक नहीं
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, जिले भर में सैकड़ों आवास पाइंट ऐसे हैं जहां अब तक काम ही शुरू नहीं किया गया क्योंकि रेत के दाम बहुत अधिक महंगे हैं। ग्रामीण हितग्राही के पास यदि अपनी अर्जित कुछ पूंजी नहीं है तो वे काम शुरू नहीं करा रहे क्योंकि पूरी किस्त जारी होने के बाद भी वे निर्धारित मापदंड तक निर्माण कार्य नहीं करा पाएंगे। ग्रामीण हितग्राही अर्जुन नंदा, दुन्नी परस्ते आदि ने बताया कि इनके पास अपनी पूंजी नहीं है। यदि काम शुरू कराएंगे तो अपना कच्चा मकान पहले तोडऩा होगा। यदि समय पर आवास पूरा नहीं बना तो सिर पर जो अभी छत उपलब्ध है वह भी छिन जाएगी। यही कारण है कि कई स्थानों पर हितग्राहियों ने आवास का काम शुरू ही नहीं कराया है।
केस 01
रुका हुआ है काम
नर्मदा जी वार्ड की हितग्राही शीला रजक ने बताया कि अभी उनके आवास का काम रुका हुआ है। रेत उन्होंने बहुत महंगी खरीदी है। यदि सीएम की घोषणा के अनुसार, सस्ती रेत मिलेगी तो उनका भला हो जाएगा।
केस 02
नहीं शुरू हुआ काम
महात्मा गांधी वार्ड निवासी आनंदोबाई का कहना है कि अभी काम शुरू नहीं कराया गया है क्योंकि रेत बहुत महंगी है और पास में रुपए भी नहीं है। यदि सस्ती रेत मिलेगी तो सभी को सुविधा होगी।
केस 03
संतोष कुमार का कहना है कि अभी आवास का काम पूरा नहीं हो पाया है। बाजार में रेत बहुत महंगी है। 5 हजार से 6 हजार रुपए के बीच एक ट्रॉली रेत मिल रही है, ऐसे में बजट बहुत अधिक हो जाता है। रेत सस्ती मिलनी चाहिए।