scriptकीट ब्याधि के लिए 10 लाइन चना के साथ 2 लाइन धनिया लगाएं किसान | Farmer should apply 2 line coriander along with 10 line gram for insec | Patrika News

कीट ब्याधि के लिए 10 लाइन चना के साथ 2 लाइन धनिया लगाएं किसान

locationमंडलाPublished: Dec 10, 2019 06:26:36 pm

Submitted by:

Sawan Singh Thakur

कृषि विज्ञान केन्द्र मण्डला में सत्रहवीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक संपन्न

कीट ब्याधि के लिए 10 लाइन चना के साथ 2 लाइन धनिया लगाएं किसान

कीट ब्याधि के लिए 10 लाइन चना के साथ 2 लाइन धनिया लगाएं किसान

मंडला। कृषि विज्ञान केंद्र में सलाहकार समिति की सत्रहवीं बैठक आयोजित की गई। बैठक डॉ अम्बेडकर प्रशिक्षण सभागार कृषि विज्ञान केंद गाजीपुर में रखी गई थी। कार्यक्रम में सर्वप्रथम वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ विशाल मेश्राम कृषि विज्ञान केंद ने अध्यक्ष ओम ठाकुर प्रमंडल सदस्य जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर, डॉ ओम गुप्ता संचालक विस्तार सेवाएं एवं डॉ डीपी शर्मा सयुक्त संचालक जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर का स्वागत के साथ बैठक में उपस्थित सदस्यों से परिचय कराया। जिसके बाद उपस्थित प्रगतिशील कृषक राष्ट्रीय उद्योग सखी से सम्मानित लक्ष्मी भांवरे एवं सिवनी से थानसिंह टेंभरे का स्वागत मुख्य अतिथियों द्वारा पुष्पगुच्छ से किया गया। डॉ विशाल मेश्राम ने बैठक के उद्देश्य समिति के सदस्यों के सामने व्यक्त किए। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा विगत खरीफ 2019 के कार्यक्रमों पर कार्यवाही एवं आगामी मौसम रबी 2019-20 की कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसके दौरान ओम ठाकुर, प्रमंडल सदस्य जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर सुझाव देते हुए कहा कि बायोफर्टिलाइजर, बायोडिकम्पोजर के उपयोग एवं लाख उत्पादन का प्रचार-प्रसार करे। डॉ ओम गुप्ता ने समन्वित कृषि प्रणाली के अंतर्गत छोटे तालाबों के मेढ़ों पर सब्जी, फलदार पौधे आदि लगाने के लिए किसान को प्रोत्साहित करने एवं अनाज के बाद दलहनी फसलों को लगाने विशेषकर चना में जेजी 14 लगाने और कीट ब्याधि के लिए 10 लाइन चने के साथ 2 लाइन धनिया लगाने की सलाह दी। विगत खरीफ 2019 के कार्यक्रमों पर कार्यवाही की प्रस्तुतीकरण के दौरान डॉ डीपी शर्मा ने सुझाव देते हुए निदेर्शित किया कि प्रक्षेत्र परीक्षण एवं प्रदर्शन के परिणामों को प्रस्तुत करते समय परिणामों पर प्रभाव डालने वाले कारकों को भी विस्तार पूर्वक प्रस्तुतीकरण में शामिल करें। जिससे कि प्रतिशत वृद्वि के कारकों को भी समझा जा सके। उक्त कार्यक्रम में मधु अली सहायक संचलाक कृषि ने अपनी बात प्रकट करते हुए कहा कि पिछले आठ वर्षो में गतिविधियों को देखने में वर्तमान में 2-3 महिनों में विभिन्न प्रकार की लाइव यूनिट दिखाई दे रही तथा कृषि विज्ञान केन्द्र में सम्पूर्ण वर्ष में की जाने वाली गतिविधियां कृषक प्रशिक्षण, मेला, प्रदर्शनी आदि की जानकारी के लिए वार्षिक केलेण्डर बनाया जाने एवं एजोला उत्पादन को शामिल करने की सलाह दी। डॉ अमित पाण्डे सहायक संचालक कृषि ने सलाह देते हुए कहा कि केन्द्र के द्वारा चयनित ग्रामों के किसानों की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए जिससे उन्हे ही कृषि विभाग के माध्यम से अन्य योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा सके और इंटीग्रेटिड फार्मिंग सिस्टम को डेवलप किया जा सके। रंजीत कछवाह कान्हा प्रोड्यूसर कम्पनी ने स्थानीय फसलों जैसे छींदीकपूर के संरक्षण के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करने की बात कही। उक्त कार्यक्रम में डॉ उग्रसेन तिवारी, मध्य प्रदेश पशुधन विकास निगम आरडी जाटव, सहायक संचालक कृषि अखिलेष वर्मा, नाबार्ड प्रियंका मेश्राम सहायक कृषि अभियांत्रिकी, भावना मरावी, अभिनव वर्मा, एसके भारद्वाज मत्स्य विभाग, मोनालिसा बारा, स्वपनिल, सत्य सोवन, पंकज निम्बालकर, उजियार सिंह जेडीएसएस, भरत कुमार, प्रगतिशील किसान थान सिंह टेंभरे, लक्ष्मी भांवरे, जीएस कुलेश, लक्ष्मण हरदहा, डॉ प्रणय भारती, विजय सिंह सूर्यवंशी आदि उपस्थित रहे।

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