मंडला

शोभन, सिद्धि और सौभाग्य योग में मनेगा राखी का पर्व

बाजार में रही रौनक, जाम से परेशान दिखे लोग

मंडलाAug 14, 2019 / 01:02 pm

Sawan Singh Thakur

शोभन, सिद्धि और सौभाग्य योग में मनेगा राखी का पर्व

मंडला। रक्षाबंधन पर खुशियों का बाजार गुलजार रहा है। कपड़ा, ज्वेलरी से लेकर मिठाई, किराना, राखी दुकानों, गिफ्ट आइटम आदि सभी दुकानों पर जमकर बिक्री हो रही है। वहीं बाजार सहित मुख्य मार्गों और फुटपाथ पर जगह-जगह नारियल, राखी, रुमाल आदि की दुकानें लगी हुई हैं। मंगलवार को दिनभर बाजार में खासी भीड़ रही। जिससे व्यापारी भी खुश नजर आए। व्यापारियों के अनुसार रक्षाबंधन पर करीब 5 करोड़ से अधिक के बाजार की उम्मीद है। राखी के त्यौहार के चलते बाजार में जहां दिनभर भीड़ रही। वहीं यातायात व्यवस्था भी चौपट नजर आई। जिसके चलते चिलमन चौक से लेकर उदय चौक तक दिन में कई बार यातायात जाम की स्थिति देखने को मिली। जिसके चलते जहां वाहन रैंगते नजर आ रहे थे, वहीं राहगीरों का चलना भी मुश्किल हो रहा था।
रक्षा बंधन का अत्यंत शुभ और सुंदर पर्व इस वर्ष 15 अगस्त को है। इस दिन सबसे ज्यादा शुभ मुहूर्त तलाशे जाते हैं। भाई और बहन दोनों एक दूसरे की सुरक्षा और समृद्धि की कामना करते हैं इसलिए सबसे अच्छे मुहूर्त में राखी बांधने की शुभेच्छा रहती है। इस बार सौभाग्य और सिद्धि योग में भाई की कलाई पर 15 अगस्त को बहनें रेशम की डोर बांधेंगी। 19 साल बाद यह ऐसा अवसर होगा जब स्वतंत्रता दिवस और राखी का त्योहार साथ मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के एक दिन पहले भद्रा का दोष मिटने और 4 दिन पहले देव गुरु बृहस्पति के मार्गी होने से पर्व की शुभता बढ़ गई है। पर्व पर भद्रा का साया नहीं पडऩे से दिनभर राखी बांधी जा सकेगी।
पूर्णिमा तिथि 14 अगस्त बुधवार को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन से 15 अगस्त गुरुवार को शाम 5 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। इस वर्ष भद्रा रक्षाबंधन के एक दिन पहले 14 अगस्त बुधवार की दोपहर 3 बजकर 45 मिनट से तड़के 4 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। शुभ श्रवण नक्षत्र भी 14 अगस्त की सुबह 5 बजकर 19 मिनट से दूसरे दिन 15 अगस्त की सुबह 8 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। 14 अगस्त को ही सुबह 11 बजकर 14 मिनट पर सौभाग्य योग लगेगा जो दूसरे दिन 15 अगस्त को सुबह 11 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शोभन योग लगेगा।
19 वर्ष बाद स्वतंत्रता दिवस और राखी एक ही दिन मनाए जाएंगे। रक्षाबंधन का पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। यह दिन देव गुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है। मान्यता है कि देवगुरु बृहस्पति ने देवराज इंद्र की विजय प्राप्ति के लिए इंद्र की पत्नी को रक्षा सूत्र बांधने को कहा था। इसके बाद से पर्व की शुरुआत हुई थी।

चौघडिय़ा के अनुसार रक्षासूत्र बांधने के सबसे सही शुभ मुहूर्त

शुभ – सुबह 06.04 से 07.40 और शाम 5.17 से 06.53 बजे तक।

चर – सुबह 10.52 बजे से दोपहर 12.28 और रात 08.18 से 09.41 बजे तक।

लाभ – दोपहर 12.29 से 02.04 बजे तक।

अमृत – शाम 06.54 से रात 08.17 बजे तक।

श्रवण कुमार पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त

दोपहर – 12.04 बजे से 12.28 बजे तक (अभिजीत़चर)
 
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