मंडलाPublished: Nov 29, 2020 10:55:51 am
Mangal Singh Thakur
सड़े अनाज वितरण मामले में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई
कोविद-19 प्रोटोकॉल पालन न करने पर एफआईआर दर्ज।
मंडला. कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में जरूरतमंदों को बांटे गए सड़े हुए अनाज की जांच पड़ताल के दौरान ईओडब्ल्यू की टीम ने प्रथम दृष्टया पाया है कि जिले के राइस मिलर्स और शासकीय अमले की मिलीभगत से इस गड़बड़ी को अंजाम दिया गया। इसके चलते जिले के राइस मिलर्स और शासकीय अमले पर ईओडब्ल्यू द्वारा भोपाल में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद जिले के संबंधित विभाग और राइस मिलर्स में हड़कंप की स्थिति बन गई है।
पहले जिले के संगम वेयर हाउस में रखे 61 स्टेग में से 10 स्टेग के नमूने भारत सरकार की टीम द्वारा लिए गए थे। रिपोर्ट में यह चावल अमानक पाया गया और इसे मुर्गीदाना कहा गया। कार्रवाई के बाद संगम वेयरहाउस के कटंगी-सेमरखापा स्थित दो गोदामों को सील कर दिया गया। इसके बाद 11 सितंबर को ईओडब्लयू की टीम की उपस्थिति में नागरिक आपूर्ति निगम, जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी व एफसीआई के अधिकारियों ने संगम वेयर हाउस के सभी 61 स्टेग के चावल के सैंपल लिए और जांच के लिए भेजा था। जांच के दौरान राइस मिलर्स और शासकीय अमले की मिलीभगत पाई गई है।
संगमवेयर हाउस में जुलाई महीने में कुछ मिलर्स ने चावल जमा कराया था। भारत सरकार द्वारा पूर्व में उसके सैंपल लिए गए थे। जांच रिपोर्ट में चावल गुणवत्ताहीन पाया गया था। 2 सितंबर को संगम वेयर हाउस और 14 राइस मिलों को सील कर दिया गया था। बाद में शासन के निर्देशानुसार, इन वेयरहाउस को वापस खोला गया। वापस सभी मिलर्स के चावल के स्टेग की सैपलिंग की कार्रवाई की गई।