नरवाई जलाने से भूमि की आर्थिक उर्वरक क्षमता प्रभावित होती है
नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान कृषि अधिकारियों कहना कि निश्चित ही नरवाई जलाने से खेतों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। नरवाई जलाने से भूमि की आर्थिक उर्वरक क्षमता प्रभावित होती है और भूमि की सतह पर पाए जाने वाले लाभकारी बेक्टीरिया नष्ट होते है। अधिकारियों का कहना है कि नरवाई को जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति के रूप में मौजूद तत्व आग के साथ जलकर भूमि की उर्वरा शक्ति का क्षय हो जाता है। आग के कारण उपजाऊ भूमि पर आग लगने से ऊपरी परत जलकर ईटों के अवशेष की तरह कड़क हो जाती है। किसानों को चाहिए कि वह गहरी जुताई करें जिससें नरवाई भूमि में दबकर खाद का रूप ले लेगी। नतीजन खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए अलग से खाद की अधिक आवश्यकता नहीं रहेगी।