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इस कारण से बैगा परिवार की नींद उड़ी

locationमंडलाPublished: Dec 09, 2017 09:27:03 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

बिना कनेक्शन के पहुंच रहे बिल, बिजली विभाग की मनमानी

For this reason, the Baga family sleeps

For this reason, the Baga family sleeps

मंडला. उपभोक्ताओं के बिजली बिल अधिक आने पर विरोध जताना एक आम बात है, लेकिन जहां बिजली ही न पहुंची हो और बिल आने लगें, तो इसे क्या कहा जाएगा। कुछ ऐसी ही स्थिति है जिले के कान्हा नेशनल पार्क के पास स्थित ग्राम पंचायत खटिया नारंगी की है। आजादी के ७० साल बीत जाने के बाद भी यहां आज तक बिजली की व्यवस्था नहीं हो सकी है। जहां बिन बिजली के ही बिजली विभाग के होनहार कर्मचारियों द्वारा ग्रामीणों को बिल के झटके दिए जा रहे हैं। वहीं अब तक की गई शिकायतों का कोई निराकरण भी नहीं किया गया है। अटल ज्योति और प्रधानमंत्री ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के माध्यम से सरकारें गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने के दावे तो करती हैं, लेकिन जिले में उनकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
बिल आने से हलाकान ग्रामीण
बिजली विभाग ने चिमनी की रोशनी में रहने वाले गांव के ७ परिवारों को बिल भेज दिया है। चिमनी के सहारे अंधेरे से जूझ रहे यहां के लोग बिजली का बिल मिलने से काफी परेशान हैं। इस गांव में बिजली तो दूर बिजली का तार भी दूर-दूर तक नहीं है। गांव के लोग अंधेरे में रात गुजारने को मजबूर हैं हालांकि ग्रामीणों ने गांव में कई बार बिजली लाने का प्रयास भी किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। गांव के ग्रामीण आज भी चिमनी की रोशनी में रात काट रहे है।
इसी बीच जब गांव के आधा दर्जन ग्रामीणों के नाम से बिजली बिल आ गया, तो इस झटके से ग्रामीण सन्न हो गए। वे इस बात को लेकर परेशान हैं कि घर में न बिजली है और न ही कनेक्शन है। इसके बाद भी आखिर बिल कैसे आ गया। ग्रामीण हरे सिंग बैगा, समाज सेवी इन्द्रजीत राय, भंडारी उइके, कलाबाती बैगा, संजू पसेरकर ने बताया कि गांव में करीब 200 से 300 की आबादी है, मगर बिजली न होने के कारण इन सभी की जिंदगी अंधकारमय हो गई है। इस गांव की न जाने कितनी पीढिय़ों ने आज तक बिजली के दर्शन नहीं किए।
बिना कनेक्शन के बीपीएल परिवार को भेज रहे बिजली बिल
बिछिया विकासखंड की ग्राम पंचायत लफरा में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले एक परिवार को बिजली विभाग पिछले 4 महीने से बिजली बिल भेज रहा है। जबकि उस परिवार में बिजली का कनेक्शन ही नहीं लगा है। ग्राम लफरा के निवासी शिव कुमार बंशकार पिता खुशी लाल जिनका गरीबी रेखा क्रमांक 31466 है के घर में बिजली का कोई कनेक्शन नहीं है पूरा परिवार वर्षो से अंधेरे में ही गुजर बसर कर रहा है। उसके घर में बिजली विभाग पिछले कुछ महीनों से बिजली के बिल भेज रहा है और ये बिल कोई साधारण बिल नहीं है बल्कि इनमें मीटर की रीडिंग भी लिखी जा रही है। शिव कुमार को माह अक्टूबर की खपत के भेजे गए बिजली बिल में 75 यूनिट की खपत दर्शाई गई है और पिछले बिलों का कुल बकाया जोडकर इस बार 1367 रुपए का बिजली बिल भेजा गया है। शिवकुमार का कहना है कि वर्षों से अंधेरे में जीवन यापन करने की आदत बन चुकी है बिजली बिल पटाना मुश्किल होता है इसलिए घर में कनेक्शन नहीं कराया है पर बिजली विभाग पिछले 4 महीने से अचानक बिजली बिल भेजने लगा है। जबकि हमारे घर में न तो कोई कनेक्शन है और न ही मीटर है। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश ऊर्जा मंत्रालय के 4 जुलाई 2017 के एक आदेश के अनुसार मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने गरीबी रेखा के हितग्राहियों को 25 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का प्रावधान किया है साथ ही 26 यूनिट से 50 यूनिट के बीच 20 पैसे प्रतियूनिट की सब्सिडी भी देने का प्रावधान है। इस आधार पर देखा जाए तो 75 यूनिट का बिजली बिल 100 से 200 रुपए के भीतर ही होना चाहिए पर शिवकुमार को बिना कनेक्शन लगाए जो बिजली बिल भेजा गया है उसके अनुसार 432 रुपए का बिजली बिल अदा करना दर्शाया गया है।

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