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अव्यवस्थाओं के बीच वन विभाग का वनोपज नाका

locationमंडलाPublished: Oct 31, 2021 08:35:53 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

टीन शेड का तंबू लगाकर कर रहे वनकर्मी अपनी ड्यूटी, हो रही परेशानी

अव्यवस्थाओं के बीच वन विभाग का वनोपज नाका

अव्यवस्थाओं के बीच वन विभाग का वनोपज नाका

अव्यवस्थाओं के बीच वन विभाग का वनोपज नाका
मंडला। वन विभाग द्वारा वन उपज की जांच के लिए मुख्य मार्गो पर वनोपज नाका लगाए गए है। लेकिन बनाए गए कुछ नाकों में तैनात कर्मचारियों के लिए कोई व्यवस्थाएं नहीं है। मंडला परिक्षेत्र के अंतर्गत वनोपज जांच नाका बड़ी खैरी में बनाया गया है। यहां कर्मचारियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। वन कर्मियों को दिक्कतों के साथ डयूटी देनी पड़ रही है। इससे वनकर्मी परेशान रहते हैं। विभाग का नाका भवन करीब चार किमी की दूरी पर आमानाला में बनाया गया है लेकिन पिछले पांच साल से बड़ी खैरी में टीन शेड का तंबू तानकर यहां पदस्त पांच वनकर्मी अपनी ड्यूटी निभा रहे है। इन कर्मियों में एक महिला कर्मी भी शामिल है। जांच नाका में महिलाकर्मी के लिए भी कोई व्यवस्थाएं नहीं बनाई गई है। जिसके चलते बेहद परेशानी के बीच महिला कर्मी को डयूटी निभानी पड़ती है।
बताया गया है कि वनोपज जांच नाका का भवन आमानाला में बनाया गया है। लेकिन नाका वहां स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है। मार्ग किनारे बने इस नाका में जहरीले जीव जंतुओं का डर बना रहता है। इसके साथ ही ठंड के सीजन में अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। इस तरफ विभाग के अधिकारियों का ध्यान नहीं है। बड़ी खैरी स्थित कॉलेज के पास यह नाका लगाया जा रहा है। जहां डिंडौरी और बिछिया मार्ग से आने वाले वनोपज की जांच की जाती है।
बता दे कि शहर से भी किसी प्रकार के वनोपज से संबंधित उत्पाद वस्तुएं के परिवहन की स्थिति में इनकी एण्ट्री व दस्तावेजों का परीक्षण भी यहां से किया जाता है। इस व्यवस्था से विभाग के वनोपज जांच में कोई संदेह नही है, लेकिन नाका में तैनात वन कर्मियों की व्यवस्था का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। बड़ी खैरी में बना जांच नाका पांच साल से यहीं तंबू लगाकर संचालित किया जा रहा है। बारिश और ठंड में कर्मचारियों की मुसीबत बढ़ जाती है।
डयूटी के दौरान रहता है डर :
पश्चिम वन सामान्य वन मंडल मंडला के अंतर्गत बड़ी खैरी स्थिति अस्थाई जांच नाके में काफी परेशानियों के बीच वन कर्मी अपनी ड्यूटी कर रह है। यहां वनकर्मी असुरक्षित जांच नाका में डयूटी दे रहे हैं। रात के समय सांप, बिच्छुओं का प्रवेश भी खैरी स्थित जांच नाका में रहता है। जिससे वनकर्मियों को इन जहरीले जीव जंतु से भी बचाव के साथ डयूटी करना पड़ती है। इस जांच नाका को स्थानांतरित करने वन विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

पहले शहरी क्षेत्र में था नाका :
बता दे कि पश्चिम वन सामान्य वन मंडल का यह नाका नगरपालिका क्षेत्र के पड़ाव अम्बेडकर भवन के पास संचालित किया जा रहा था। लेकिन यहां मॉडल रोड बनने के कारण इस नाके को यहां से स्थानांतरित कर आरडी कॉलेज के पास कर दिया गया। पड़ाव मार्ग में चिलमन चौक से लेकर डिंडौरी मार्ग को मॉडल मार्ग में तब्दील करना था। जिसके कारण यहां संचालित नाके को यहां से कॉलेज के पास शिफ्ट कर दिया गया। जांच नाका का भवन आमानाला डिपो के पास बनाया गया है। यहां नाका का भवन बनकर तैयार है, जो कई सालों से बिना कर्मचारियों के वीरान पड़ा हुआ है। इस भवन में जांच नाका को शिफ्ट नहीं किया जा रहा है।
अब जांच हो रही कम :
जानकारी अनुसार वर्ष 2015-16 में वनोपज नाका को बड़ी खैरी स्थित कॉलेज के पास स्थानांतरित करने के दौरान हाईवे निर्माण का कार्य शुरू किया गया था। इस दौरान इसी मार्ग से वनोपज के वाहन यहां से प्रवेश करने लगे। जिससे बड़ी खैरी कालेज के पास नाका लगाना आवश्यक हो गया। उस समय विभाग का यह फैसला सहीं रहा। जिसके कारण अवैध तरीके से आने जाने वाली वनोपज की जांच की जा सके। बता दे कि अब यहां से गुजरने वाला हाईवे मार्ग पूर्ण हो चुका है, और वाहनों का आना जाना अब हाईवे मार्ग से होने लगा है। यहां स्थित मंडला वायपास शुरू हो गया है। इसके बाद भी वनोपज नाका बड़ी खैरी में ही संचालित किया जा रहा है। अब अधिकांश वनोपज के वाहन इसी वायपास हाईवे से होकर गुजर रहे है। जिसकी जांच के लिए इस क्षेत्र में कोई जांच नाका नहीं है। विभाग को अब खैरी से आमानाला में इस जांच नाके को स्थानांतरित करना चाहिए। जिससे जिले में आने और यहां से बाहर जाने वाले वनोपज की जांच हो सके।
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