अधिकारी व्यस्त हैं
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बिजली आपूर्ति नहीं किए जाने के संबंध में जब विद्युत विभाग के कार्यपालन यंत्री एलके नामदेव से संपर्क किया गया तो संपर्क नहीं हो सका। इस बारे में उनके कार्यालय के अधीनस्थों का कहना है कि साहब हमेशा या तो दौरे पर होते हैं या बैठकों में व्यस्त होते हैं, इसलिए फोन नहीं उठाते। ये बात और है कि मवई क्षेत्रवासियों और कुछ विभागीय सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में कार्यपालन यंत्री नामदेव ने आज तक कोई दौरा ही नहीं किया है और न ही इस संवेदनशील क्षेत्र की समस्याओं के समाधान में उन्हें कोई रुचि है।
12 पंचायत, 48 गांव
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में 12 पंचायत के 48 गांव लगभग 90 घंटों से अंधेरे में है। ग्रामीण एक तरफ पानी की समस्या दूसरी तरफ लाइट की समस्या से जूझ रहे है। 12 ग्राम पंचायतों में खलोड़ी, चन्दगाव, बांदर बाड़ी, इंद्री, नरहरगंज हराटोला, भिमोरी, मनोरी, इंद्री, नेवसा, लालपुर, मोतीनाला, शामिल हैं और 12 पंचायतों के पोषक ग्रामों की संख्या 48 है। जहां पर आए दिन बिजली कटौती की जा रही है। विभागीय के अनुसार, दो लाइनमैन के भरोसे पूरे 48 गांव है। मवई ब्लॉक के अन्तिम छोर में बसा गाँव नेशनल हाइवे-30 रायपुर से जबलपुर मार्ग भी लगा हुआ है फिर भी विकास से कोसों दूर है। ग्रामीणों का कहना है कि वे आज भी सड़क, बिजली एवं पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा भी सिर्फ आश्वासन दिया जाता है। काम कुछ भी नहीं किया जाता। जनसुनवाई में बिजली आपूर्ति न होने के संबंध में आवेदन किया लेकिन कार्रवाई नहीं होने से आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं।