उन्होंने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के पूर्व नालियों की सफाई, अनावश्यक गढ्ढे भराव आदि की कार्यवाही पूरी करें। इसी प्रकार बारिश के दौरान साफ पानी एवं अन्य जरूरी इंतजाम पुख्ता करें। बैठक में पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा, सीईओ जिला पंचायत रानी बाटड, एडीएम मीना मसराम सहित संबंधित उपस्थित थे। कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया कि जिले की सभी बांधों का परीक्षण करें। उनमें आवश्यक मरम्मत एवं मेंटेनेन्स का कार्य तत्काल पूरा करें।
कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया कि बांधों के निचले क्षेत्रों में पानी छोड़ने के पूर्व सूचना देने की प्रभावी व्यवस्था बनाएं। उन्होंने मटियारी बांध के निचले क्षेत्रों में अनाउंसमेंट एवं मुनादी आदि के लिए समन्वय बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने विद्युत विभाग को निर्देशित किया कि बारिश के पूर्व के मैंन्टेनेन्स कार्य पूरा करें। कलेक्टर ने होमगार्ड्स को निर्देशित किया कि संवेदनशील क्षेत्रों में बारिश के दौरान अपने अमले की तैनाती करें। उन्होंने कहा कि होमगार्ड्स आपदा प्रबंधन से संबंधित मॉकड्रिल करें। इसी प्रकार बोर्ड्स, रस्सियाँ एवं राहत संबंधी जरूरी सामग्री की व्यवस्था पुख्ता रखें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित गोताखोरों की सूची संधारित की जाए तथा संबंधित विभागों से इनको साझा करें। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को बारिश के दौरान सर्पदंशरोधी दवाएँ, इमरजेंसी दवाओं की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मैदानी अमला बारिश के दौरान फील्ड में रहे। कलेक्टर ने उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को भी बारिश के दौरान पशु हानि से बचाव एवं पशु चिकित्सा के लिए जरूरी दवाएं रखने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने पीएचई विभाग को निर्देशित किया कि बारिश के दौरान पेयजल की टेस्टिंग करें। जल स्त्रोतों का क्लोरीनेशन करें। क्लोरीन एवं ब्लीचिंग बाउडर जैसी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में रखें। उन्होंने कहा कि बारिश के दौरान पेयजल की समस्या न रहे। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण एवं वर्षा की जानकारी के लिए कंट्रोल रूम बनाएं एवं उसमें ड्यूटी लगाएं। कलेक्टर ने संवेदनशील स्थानों घाटों एवं दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में आवश्यक अमले की तैनाती के साथ-साथ संकेतक लगाने के भी निर्देश दिए।