मंडला

गीता को मिली आर्थिक मदद, उचित इलाज का मिला आश्वासन

घायल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का हाल जानने पहुंचे विधायक

मंडलाJan 21, 2019 / 10:39 am

shivmangal singh

गीता को मिली आर्थिक मदद, उचित इलाज का मिला आश्वासन

मंडला. सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल गीता की मदद के लिए समाजसेवी, शासकीय कर्मचारी व जनप्रतिनिधि भी आगे आने लगे हैं। गौरतलब है कि पत्रिका में 17 जनवरी को ‘घायल पत्नी की सेवा के साथ दो बच्चों के लिए खाना बना रहा मजदूर पिताÓ खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद से पीडि़त परिवार को मदद मिलना शुरू हो गई है। रविवार को निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले गीता हाल जानने उसके घर सिमरिया पहुंचे। जहां घायल के पति रूप सिंह मर्सकोले को ५ हजार रुपए की राशि दी व शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। विधायक के साथ ही शहरी क्षेत्र मंडला की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समीना, रजनी, पंचेश्वरी, ज्योति, सरिता भी घायल गीता की मदद की। उन्होंने 10 हजार रुपए नगद घायल गीता के पति रूप सिंह को दिए। नारायणगंज परियोजना अधिकारी संजीव मोहरे ने पांच हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी। वहीं पूर्व में महिला बाल विकास की सुपरवाईजर के साथ बबलिया सेक्टर में पदस्थत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं चंदा एकत्रित कर 20 हजार रुपए की सहायता पहुंचाई है।
गौरतलब है कि 24 दिसंबर को महिला बाल विकास परियोजना नारायणगंज पोषण आहार लेने गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को चार पहिया वाहन ने टक्कर मार दी थी। जिसकी शिकायत पुलिस को भी गई है। वाहन मालिक ने तत्काल 4 हजार रुपए की मदद की थी। इसके बाद किसी प्रकार कोई मदद नहीं मिली। वहीं पुलिस कर्मियों ने दोबारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से मुलाकात नहीं की है। रूप सिंह ने मदद की बबलिया हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य डीके सिंगौर हाल जानने घर पहुंचे थे। जहां दूरभाष के माध्याम से जबलपुर के चिकित्सक से चर्चा की। चिकित्सकों ने नियमित रूप से दवाई लेने व बेड रेस्ट की सलाह दी है। इसके साथ ही हर 10-15 दिन में जबलपुर लाकर जांच कराने की बात कही है। रूप सिंह ने बताया कि चिकित्सकों के अनुसार गीता को आराम लगने में काफी समय लगेगा। हर माह 15-20 हजार रुपए दवा में लगेंगे। जिसकी चिंता उसे सता रही है। मजदूरी के अलावा आय का दूसरा साधन न होने के कारण परिवार का भरण पोषण करना भी मुश्किल हो रही है। घायल गीता की देखरेख और बच्चों की पढ़ाई के कारण मजदूरी में जाना भी संभव नहीं है।
महिला बाल विकास विभाग से नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
हादसे के दिन के घटना क्रम में बताया गया कि जिस वाहन से दुर्घटना हुई थी वह वाहन चालक लापरवाही पूर्वक वाहन चला रहा था। ऑगनवाडी कार्यकर्ता गीता मार्को के साथ अन्य कार्यकर्ता भी महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय जनारायणगंज पहुंची थी। महिला बाल विकास परियोजना नारायणगंज के भृत्य सालेगराम ने बताया कि अनियंत्रित वाहन को पास में आते देख वह दूर भाग गया था। जबकि कार्यकर्ता सुशीला सोनी, नानकी माण्डवे, सुखमनी वरकड़े आदि ऑगनवाडी कार्यकर्ता भवन की गेट में ही खडी थी। जैसे ही वाहन पर नगर पड़ी तो कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गेट से दूर हो गई। लेकिन वाहन ने गीता मार्को को जोर दार टक्कर मार ही दिया। वहीं सुशीला सोनी को मामूली चोट आई थी। मौके पर उपस्थित आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घायल गीता को उठाकर प्राथमिक उपचार समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नारायणगंज में भर्ती कराया। अस्पताल में दर्द से कराह रही गीता को अस्पताल स्टाफ ने कम्बल देने को मना कर दिया। जिसके बाद एमपीडब्ल्यू में पदस्थत लखन परस्ते ने अपनी जवाबदारी गीता को कम्बल दिलवाया। अस्पताल में घटना को सुनकर पहुंचे पूर्व सरपंच तुलसीराम ने महिला को तत्काल ओढने के लिए शाल खरीद कर दिया। हादसे के बाद भी महिला बाल विकास के अधिकारीयो ने महिला का हाल भी नहीं पूंछा। वाहन मालिक कमलेश यादव ने भी मौके में जाकर हाल चाल पूछा और 4 हजार रुपए की राशि दी।

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