जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. विजय धुर्वे ने बताया कि इस समय जो इलाज के लिए आ रहे मरीजों में लू लगने के लक्षण देखे जा रहे हैं जिन्हें भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। गौरतलब है कि अधिकतम के साथ ही न्यूनतम तापमान में भी उछाल आ रहा है। रविवार को अधिकतम तापमान 40 डिसे दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 22.5 रहा। पिछले तीन से चार दिनों से अधिकतम तापमान 40 से 41 डिसे के आसपास बना हुआ है। जिला अस्पताल का शिशु वार्ड इन दिनों लगभग फुल चल रहा है। स्टॉफ ने बताया कि इन बच्चों में बुखार, खांसी से संबंधित बीमारी से ग्रसित बच्चों की संख्या अधिक है। बताया गया कि जिस तरह से तापमान बढ़ रहा है, बढ़ती गर्मी का असर सबसे अधिक छोटे बच्चों पर पड़ता है, बढ़ती गर्मी के बीच बच्चे घर में फ्रिज का ठण्डा पानी पीते है और यही अत्यधिक ठण्डा पानी बीमारी का कारण बन रहा है।
बच्चों के साथ बड़े भी हो रहे बीमार
जहां तेज गर्मी का असर सबसे अधिक बच्चों पर देखने को मिल रहा है वहीं बच्चों के साथ बड़े भी इस बढ़ते तापमान से बीमार पड़ रहे हैं, जिला अस्पताल के मेल वार्ड में भी अधिकांश मरीजों में सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक है। इनमें कुछ मरीजों में लू लगने के लक्षण भी देखे जा रहे हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी से मिली जानकारी अनुसार सामान्य दिनों में जहां 300 से 350 मरीज इलाज के लिए आते हैं वहीं पिछले कुछ दिनों से मरीजों का यह आंकड़ा 500 से 550 तक पहुंच गया है। ओपीडी से मिली जानकारी अनुसार 1 जून को जहां 565 मरीज भर्ती हुए हैं, वहीं 2 जून को 570 और 3 जून को 552 मरीज जिला अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचे हैं। बताया गया कि इन मरीजों में बच्चों के साथ युवाओं की संख्या अधिक है।
इस समय बढ़ती गर्मी के बीच बच्चों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। बच्चों को पानी अधिक से अधिक मात्रा में पिलाएं, बाहर का खाना न खाने दें, ताजा भोजन खिलाएं, तरल भोज्य पदार्थों का सेवन कराएं।
डॉ. विजय धुर्वे, शिशु रोग विशेषज्ञ