घाटी पर बढ़ा खतरा
जिला मुख्यालय के तिंदनी से इस मार्ग पर खतरा बढ़ जाता है, तिंदनी से फूलसागर, ग्वारी, बबैहा, चिरईडोंगरी तक सड़क तो है ही नहीं, सिर्फ गिट्टी के ढेर, मुरम और रेतीली मिट्टी पूरे मार्ग पर बिछी हुई है। मार्ग में एक ओर टुकड़े टुकड़े में कांक्रीट सड़क का निर्माण किया गया है। इससे खतरा और अधिक बढ़ गया है क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में वाहन एक दूसरे को ओवरटेक नहीं कर पाते और जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इसके अलावा नारायणगंज के पास कूम्हा के नजदीक चिरी क्षेत्र की घाटी भी वाहन चालकों के लिए हादसे की डगर बन चुकी है। गहरे घुमावदार सड़क पर सिवाय कीचड़ के कुछ भी नहीं, चढ़ाई होने के कारण नारायणगंज से मंडला की ओर आने के दौरान भारी वाहन चालकों को अनियंत्रित होने का खतरा बना हुआ है तो दूसरी ओर नारायणगंज की ओर जाने वाले वाहन चालकों को सड़क किनारे अपने वाहन लगाने पड़ रहे हैं क्योंकि पहियों के फिसलने से वे सीधे भारी वाहनों की चपेट में आ सकते हैं।
शुक्रवार की खरीदी ठप
शुक्रवार को साप्ताहिक बाजार बंद होने के कारण जिले के अधिकांश व्यापारी जबलपुर खरीदी-बिक्री के लिए जाते हंै। मंडला जबलपुर मार्ग पर लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए व्यापारियों का आना जाना कम होता जा रहा है। इसका सीधा असर जिले के व्यापार पर पड़ रहा है। व्यापारी अमित सीरवानी, महेश पमनानी, अशोक पटैल, आकाश सिहारे आदि का कहना है कि हाइवे से गुजरना यानि दुर्घटना को न्योता देना है। बारिश के कारण निवास मार्ग की घाटी भरे मार्ग पर भी खतरा बढ़ गया है। यही कारण है कि 5 जुलाई की शुक्रवार को नगर के अनेक व्यापारियों ने जबलपुर जाने की योजना को टाल दिया। इसका असर बाजार और खरीदी बिक्री पर भी पड़ेगा। शुक्रवार ही नहीं, शनिवार को भी ग्वारी के समीप, चिरी क्षेत्र में और कूम्हा के पास कई घंटो यात्रियों और वाहन चालकों को जाम में फंसना पड़ा।