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यहां चेहरे की दिशा बदलने के साथ बदल जाती हैं कक्षा

locationमंडलाPublished: Jun 30, 2022 11:37:43 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

स्कूल में नहीं है पानी, घर में पक रहा मीड डे मिल

यहां चेहरे की दिशा बदलने के साथ बदल जाती हैं कक्षा

यहां चेहरे की दिशा बदलने के साथ बदल जाती हैं कक्षा

मंडला. कई सरकारी स्कूलों में कक्षाओं की संख्या में अनुरूप कमरों की व्यवस्था नहीं होने से एक ही कमरे में 5 कक्षाएं संचालित हो रही हैं। प्राइमरी स्कूल तालाटोला में भी पुराना स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो गया है इसी जर्जर स्कूल भवन के बाजू में बने अतिरिक्त कक्ष के एक कमरे में पहली से पांचवी कक्षा के बच्चों को बैठालकर पढ़ाया जा रहा है। जहां बच्चे अलग-अलग दिशा में चेहरा करके पढ़ाई कर रहे हैं। दिशा से पता चलता है कि कौन सी कक्षा के बच्चे हैं।
22 बच्चों पर दो शिक्षक
जिले में बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं, जहां बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक भी नहीं है वहीं कई स्कूलों में बच्चों की संख्या के मुकाबले शिक्षकों की संख्या अधिक है। नियमानुसार 40 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए लेकिन प्राइमरी स्कूल तालाबटोला में मात्र 22 बच्चों की दर्ज संख्या में दो शिक्षकों की पदस्थापना की गई है।
इसके साथ ही बिछिया विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत नकावल के अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक स्कूल तालाबटोला में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि बिन पानी सब सून ये पड़ते-सुनते मासूम बच्चों के मन में यह विचार जरूर आता होगा कि उनके स्कूल में भी पानी नहीं मिलने से सब कुछ सूना ही है। दरअसल प्राइमरी स्कूल तालाबटोला में पेयजल के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। स्कूल परिसर में एक हैंडपंप लगा है लेकिन पिछले कई महिनों से बिगड़ा हुआ है। शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने पंचायत में इसकी जानकारी दे दी है वहीं पंचायत सचिव का कहना है कि उन्होंने पीएचई को इसकी जानकारी दे दी है। लेकिन पीएचई के अधिकारियों का कहना है कि मात्र एक हैण्डपंप सुधारने के लिए वे गांव नहीं आ सकते। वहीं स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं होने से मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसाईया अपने घर से भोजन बनाकर लाती हैं और फिर स्कूल लाकर भोजन कराया जाता है। यहां पढऩे वाले छात्र-छात्राओं ने बताया कि स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं होने से वे घर से बोतल में पानी लेकर आते हैं लेकिन गर्मी अधिक पढऩे से पानी जल्दी खत्म हो जाता है जिससे उन्हें एक-दूसरे से पानी लेकर काम चलाना पड़ता है। डीपीसी बीपी ठाकुर का कहना है कि जिन स्कूलों में पानी की सुविधा नहीं है उन स्कूलों को नल-जल योजना से जोड़कर पानी की व्यवस्था की जा रही है, जहां हैंडपंप बिगड़े हुए हैं वहां सुधार कार्य कराया जा रहा है।

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