मंडलाPublished: Jan 15, 2021 09:18:58 am
Mangal Singh Thakur
कार्रवाई के बावजूद शराब माफिया के हौसले बुलंद
Illegal sale of liquor happening in village
मंडला. आदिवासी बहुल्य अंचल होने के कारण यहां ग्रामीण इलाकों में शराब का सेवन बेहद आम बात है लेकिन नगरीय इलाकों में भी विदेशी शराब की खपत जमकर हो रही है। चाहे ग्रामीण इलाके हों या शहरी क्षेत्र, पूरे जिले में शराब का अवैध कारोबार जोरों से फलफूल रहा है। गली-मोहल्ले के किनारे स्थित गुमटियों, होटलों और हाथ ठेलों में देशी विदेशी शराब की न केवल बिक्री की जा रही है बल्कि इनमें से कई ठिकानों पर शराब बेखौफ परोसी भी जा रही है। भले ही आबकारी विभाग आए दिन कार्रवाई करने का दावा कर रहा हो लेकिन जिले में बढ़ते शराब के काले कारोबार विभागीय अक्षमता और माफिया पर नियंत्रण न कर पाने की बात को उजागर कर रहे हैं।
हाल ही में प्रदेश के मुरैना जिले में जहरीले शराब के सेवन से कई जिंदगियां मौत के मुंह में चली गईं। आनन फानन में जिला प्रशासन ने कागजों पर शराब के अवैध विक्रय, परिवहन, भंडारण पर नियंत्रण करने के लिए टीम का गठन भी कर दिया लेकिन आंकड़ें बता रहे हैं कि जिले में शराब का खतरनाक कारोबार घटने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है।
28 हजार से किग्रा से अधिक
वर्ष 2020 में अपै्रल माह से दिसंबर महीने के बीच जिले भर में महुआ लाहन जब्ती के दौरान 28 हजार 500 किग्रा से अधिक लाहन नष्ट किया गया। जबकि वर्ष 2019-20 में अप्रैल 19 से मार्च 20 के दौरान
23570 किग्रा लाहन नष्ट किया गया था। जाहिर है कि पिछले वर्ष के बारह महीनों की तुलना में इस वर्ष के नौ महीनों में शराब के लिए महुआ लाहन का और अधिक इस्तेमाल किया गया। विभागीय कार्रवाई की गई लेकिन शराब माफिया के हौसले पस्त नहीं किए जा सके।
हर गली नुक्कड़ पर बिकती है शराब
सिर्फ महुआ लाहन के इस्तेमाल में आदिवासी अंचल के माफिया अधिक सक्रिय हैं ऐसा नहीं, इस अंचल में विदेशी मदिरा का सेवन, भंडारण, परिवहन और विक्रय भी उतने ही धड़ल्ले से हो रहा है। जिले के दूरस्थ अंचल ही नहीं, नगरीय क्षेत्र से सटे रमपुरा, गोंझी, कारीकोन, मानादेही, हिरदेनगर, पदमी, पुरवा, रसैयादोना ये मानो शराब के अवैध विक्रय और भंडारण के गढ़ बने हुए हैं। यहां स्थित ज्यादातर गुमटियों, हाथठेलों, अंडा की दुकानों, किराना दुकानोंं में शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। शराब के सभी शौकीनों और नगरवासियों को इन ठिकानों की जानकारी है लेकिन जिले के आबकारी विभाग तक इन ठिकानों की भनक अब तक नहीं। इसलिए इन ठिकानों में से कुछ पर ही अब तक सीमित कार्रवाई की गई है। वर्ष 2019-20 में 178 लीटर विदेशी मदिरा जब्त की गई थी और इस वर्ष के नौ महीनों के दौरान अब तक मात्र 145 लीटर शराब ही जब्त की गई है। जबकि जानकारों का कहना है कि उक्त ठिकानों से हर रोज हजारों लीटर देसी और विदेशी शराब का विक्रय किया जा रहा है।
फैक्ट फाइल:
वर्ष 2019
विदेशी मदिरा जब्ती 178 लीटर
महुआ लाहन जब्ती 23570 किग्रा
वर्ष 2020
विदेशी मदिरा जब्ती 145 लीटर
महुआ लाहन जब्ती 28520 किग्रा