मंडलाPublished: May 08, 2021 09:04:19 pm
Mangal Singh Thakur
अधूरी तैयारी के साथ मैदान में स्वास्थ्यकर्मी
In Stock, Still Not Finding Masks, Globs
मंडला. वैश्विक महामारी कोविड 19 को नियंत्रित करने के लिए जिले में एक नहीं बल्कि कई अभियान चलाए जा रहे हैं। जिसके लिए न सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों बल्कि महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों को भी मैदान में उतारा गया है। कोविड19 से संक्रमित लोगों को ढूंढने के साथ साथ, उन्हें फीवर क्लिनिक तक ले जाने, उनका उपचार कराने और उपचार के दौरान उनके निरंतर फॉलोअप के बाद उन्हें पूरी तरह कोविड मुक्त करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं मैदानी अमले के कंधों पर सांैपी गई है। लेकिन कोविड 19 को हराने के प्रयास में मैदान में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों एवं अन्य विभाग के कर्मचारियों की जान को जिला प्रशासन ने दांव पर लगा रखा है। जिसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं है।
महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि उनके विभाग को ऐसा कोई फंड शासन की ओर से मुहैया नहीं कराया गया है जिसके जरिए वे अपने विभाग के कर्मचारियों को मास्क, ग्लब्स, सैनेटाइजर आदि उपलब्ध करा सकें। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को भी कोविड 19 से बचाव के लिए उपयोग में लिए जाने वाले उपकरण सामग्री आदि उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। जबकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग के पास मास्क, ग्लब्स, सैनेटाइजर आदि का स्टॉक उपलब्ध है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में कोविड 19 को हराने के लिए चलाए जा रहे अभियान कितनी लचर अवस्था में हैं?
ब्लॉक स्तर पर लापरवाही
सीएमएचओ कार्यालय से दी गई जानकारी के अनुसार, जिले को हाल ही में मास्क, ग्लब्स, सैनेटाइजर, पीपीई किट उपलब्ध कराए गए हैं और इनका वितरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को किया जा रहा है। ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जिम्मेदारी है कि वे अपने स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड 19 से बचाव की सामग्रियां आवश्यक मात्रा में उपलब्ध कराएं ताकि वे मैदानी स्तर पर काम करने के दौरान संक्रमण से खुद को भी बचा कर रख सकें। लेकिन वास्तविकता यह है कि ब्लॉक स्तर पर काम कर रहे स्वास्थ्य•ॢमयों को कोविड 19 से बचाव की सामग्रियां नियमित तौर पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्यकर्मी मैदान में काम करने के दौरान कोविड 19 के संक्रमण की चपेट में आकर खुद भी बीमार पड़ रहे हैं।
10 अब भी एक्टिव
स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार, इस कोरोना संकट के दौरान जिले भर में कुल 72 हेल्थ केयर वर्कर्स कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 10 पर अब भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है और इनका उपचार चल रहा है। शेष 62 हेल्थ केयर वर्कर्स पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।
इस वर्ष व्यवस्था नहीं
कोरोना वॉरियर्स को न केवल कोरोना संक्रमितों की जांच पड़ताल के लिए जाना पड़ रहा है बल्कि उनकी सैंपलिंग के बाद क्वारंटीन करने के बाद उनका नियमित उपचार भी करना होता है। इसकारण उनके संक्रमित होने का खतरा कई गुना अधिक होता है। कोरोना वॉरियर्स को इस खतरे से बचाए रखता है फेस शील्ड। जिससे उनका पूरा चेहरा ढंका रहता है। लेकिन विडंबना यह है कि इस वर्ष 2021 को कोरोना संकट के दौरान किसी भी हेल्थ केयर वर्कर को
फेस शील्ड उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष शासन स्तर पर ही इसकी सप्लाई नहीं की गई है। गत वर्ष 2020 के कोरोना संकट के दौरान लगभग 10 हजार फेस शील्ड जिले को उपलब्ध कराए गए थे। हेल्थ केयर वर्कर्स को ये फेस शील्ड उपलब्ध कराए गए थे लेकिन इस वर्ष ऐसी कोई व्यवस्था नहीं।
फैक्ट फाइल:
कोरोना संक्रमित हेल्थ केयर वर्कस
टोटल 72
एक्टिव 10
डिस्चार्ज 62